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संसदीय कोयला सलाहकार समिति की बैठक, छाया डीसी लाइन बंदी का मामला
बेरमो: कोयला पर संसदीय सलाहकार समिति की शुक्रवार को नयी दिल्ली में बैठक हुई. गिरिडीह सांसद व समिति के सदस्य रवींद्र कुमार पांडेय ने डीसी लाइन बंदी के लिए बीसीसीएल और डीजीएमएस की लापरवाही को जिम्मेवार ठहराया. डीसी रेल लाइन का बंदी के दिन तक 70 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन गुजरी है […]
बेरमो: कोयला पर संसदीय सलाहकार समिति की शुक्रवार को नयी दिल्ली में बैठक हुई. गिरिडीह सांसद व समिति के सदस्य रवींद्र कुमार पांडेय ने डीसी लाइन बंदी के लिए बीसीसीएल और डीजीएमएस की लापरवाही को जिम्मेवार ठहराया. डीसी रेल लाइन का बंदी के दिन तक 70 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन गुजरी है तथा आज तक आग के कारण रेल लाइन के नीचे आंशिक भी विचलन नहीं हुआ है. इससे स्पष्ट है कि रेल लाइन सुरक्षित है. इसलिए उन्होंने वैकल्पिक नयी लाइन बन जाने तक डीसी लाइन को चालू रखने की मांग की. मौके पर मौजूद कोयला राज्य मंत्री हरि भाई चौधरी ने सांसद को यथाशीघ्र सकारात्मक कार्रवाई का भरोसा दिया.
सर्वेक्षण नहीं हुआ : मौके पर सांसद ने कहा कि सिंफर ने केवल रेल लाइन के नीचे लगी आग का सर्वेक्षण किया था, रेल लाइन के स्थायित्व का सर्वेक्षण नहीं किया था. गत दिनों डीजीएमएस, बीसीसीएल, सिंफर, आइएसएम और रेलवे की संयुक्त बैठक हुई थी. इसके निर्णयानुसार बीसीसीएल को सिंफर से रेल लाइन के स्थायित्व का सर्वेक्षण कराना था. बीसीसीएल की उदासीनता के कारण प्रगति शून्य है.
इनकी थी उपस्थिति : बैठक में सांसद बीडी राम, कौशलेंद्र कुमार, लक्ष्मी नारायण यादव, राजेश वर्मा, रामचंद्र पासवान, छाया वर्मा, नरेंद्र कुमार, प्रसन्न आचार्या, कोयला सचिव, अपर सचिव, कोल इंडिया के प्रभारी चेयरमैन गोपाल सिंह, कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों के सीएमडी आदि उपस्थित थे.
बर्खास्त विस्थापितों के नियोजन की मांग : सांसद ने कहा कि सीसीएल के बीएंडके क्षेत्र के अंतर्गत कोलियरी का विस्तारीकरण के लिए दामोदर रिवर डायवर्सन परियोजना के तहत जमीन अधिगृहीत कर करोड़ों व्यय के बावजूद आज तक उत्पादन शुरू नहीं पाया है. उन्होंने शेष बचे विस्थापितों को उचित मुआवजा और नियोजन देकर सीसीएल में सरप्लस कर्मचारियों एवं मशीनरी का उपयोग कर कम लागत में उत्खनन शुरू करने की मांग की. इसके साथ ही डीआरडी परियोजना के लिए दो एकड़ भूमि के एवज में पैकेज डीलिंग के आधार पर चलकरी के नियोजित सात विस्थापितों की बर्खास्तगी का मामला उठाते हुए उन्हें पुनर्नियोजित करने की मांग की. वर्ष 1992 में संपन्न समझौता के आलोक में सूचीबद्ध 89 विस्थापितों में से अमलो परियोजना के शेष बचे 31 विस्थापितों को पूर्व की भांति पैकेज के आधार पर नियोजित कर उत्खनन की मांग की.
सीएचपी मजदूरों के नियोजन का मामला : सांसद ने सीसीएल के कथारा, बीएंडके एवं ढोरी क्षेत्र और बीसीसीएल का क्षेत्र सं एक से लेकर छह तक कौशल विकास के लिए संचालित कार्यक्रम का ब्योरा प्रस्तुत करने की मांग करते हुए उक्त क्षेत्र में कौशल विकास का कार्यक्रम चलाने की मांग की. इसके अलावा छंटनीग्रस्त 140 मजदूरों को अन्यत्र नियोजित करने एवं उनके बकाया वेतन का भुगतान, बीएसएल और एचइसी की तर्ज पर सीसीएल और बीसीसीएल के अनुपयोगी आवासों मे रहनेवालों को उक्त आवास लीज पर देने, सीसीएल व बीसीसीएल से अनुदान प्राप्त शिक्षकों का अनुदान बढ़ाने, अनुदान प्राप्त डीएवी अथवा अन्य निजी विद्यालयों मे बीपीएल परिवारों एवं स्थानीय छात्रों का नामांकन जैसी कई मांगें रखीं.
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