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कोल इंडिया: 10 वां वेतन समझौता को बोर्ड की मंजूरी, कोयला मजदूरों को नया वेतन अक्तूबर से मिलेगा
धनबाद: कोल इंडिया बोर्ड ने कोयला मजदूरों के दसवें वेतन समझौता को मंजूरी दे दी. दिल्ली में शनिवार को हुई बैठक में मंजूरी मिलने के साथ ही कोयला मजदूरों को अब अक्तूबर माह से ही नये वेतन का भुगतान होगा. बैठक की अध्यक्षता कोल इंडिया के प्रभारी चेयरमैन गोपाल सिंह ने की. जानकारी के अनुसार […]
धनबाद: कोल इंडिया बोर्ड ने कोयला मजदूरों के दसवें वेतन समझौता को मंजूरी दे दी. दिल्ली में शनिवार को हुई बैठक में मंजूरी मिलने के साथ ही कोयला मजदूरों को अब अक्तूबर माह से ही नये वेतन का भुगतान होगा. बैठक की अध्यक्षता कोल इंडिया के प्रभारी चेयरमैन गोपाल सिंह ने की.
जानकारी के अनुसार कोल इंडिया बोर्ड की बैठक के एजेंडा नंबर 14 पर दसवां वेतन समझौता था. इसको प्रमुखता देते हुए एक नंबर एजेंडा बनाया गया. चर्चा के बाद समझौता पर बोर्ड ने सहमति जताते हुए मंजूरी दे दी. इसके बाद उसे कोयला मंत्रालय भेज दिया गया. मंत्री के हस्ताक्षर के बाद समझौते को लागू करने के लिए इंप्लीमेंट इंस्ट्रक्शन जारी होगा. सूत्रों का कहना है कि इंप्लीमेंट इंस्ट्रक्शन जारी होने में भले ही एक दो दिन विलंब हो, पर एक नवंबर को नया वेतनमान का भुगतान कोल कर्मियों को होगा. जानकारी के मुताबिक 10 अक्टूबर को समझौता संपन्न होने के बाद से प्रबंधन इस दिशा में सक्रिय है. बिना-जोड़ घटाव के पहले 40 हजार अग्रिम एरियर भुगतान की घोषणा, फिर कोल मंत्री ने 11 हजार बढ़ाते हुए 51 हजार एरियर भुगतान का घोषणा की. दिवाली के पहले इसका भुगतान भी हो गया.
नये वेतन भुगतान की तैयारी पूरी : प्रबंधन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नये वेतनमान के भुगतान के लिए फिटमेंट चार्ट तैयार कर जोड़ घटाव कर लिया गया है. यह काम युद्धस्तर पर किया गया. कोल इंडिया की सभी अनुषंगी इकाइयों में वेतनमान के फिटमेंट चार्ट के आधार पर भुगतान की तैयारी पूरी कर ली गयी है. ईसीएल के एक दो एरिया में थोड़ी बहुत हो रही परेशानी को देखते हुए कोल इंडिया प्रबंधन ने मैन पॉवर मुहैया कराया. इधर बीएमएस के डॉ बीके राय एवं सीटू नेता डीडी रामनंदन ने कहा कि नया वेतनमान का भुगतान एक नवंबर से शुरू होगा. कहीं-कहीं एक दो दिन विलंब संभव है.
कर्मियों से कामकाज का आकलन करा रहा है कोल इंडिया
धनबाद. कोल इंडिया अपने कर्मियों से ही कामकाज का आकलन करा रहा है. कामकाज में यहां लिये जाने वाले निर्णयों के बारे में भी कर्मियों से जानकारी मांगी है. किस कंपनी का कामकाज बेहतर है, यह भी फीड बैक फॉर्म में भरने को कहा गया है. कुल 15 सवाल कर्मियों से किये गये हैं, जिनका जवाब कर्मियों को ऑनलाइन देना है. सभी कंपनियों को इसका फॉरमेट भेजा गया है.
कई तरह के सवाल किये गये हैं : कर्मियों से पहले सवाल में यह जाना गया है कि कंपनी स्तर से जो भी गाइड लाइन, सर्कुलर या दिशा-निर्देश जारी होते हैं, उससे क्या निष्पक्ष होने के संकेत मिलते हैं. दूसरे सवाल में यह पूछा गया है कि क्या कंपनी अपने निर्देशों का पालन कराने में कड़ाई बरती है? क्या कोल इंडिया की संस्कृति पारदर्शी, भ्रष्टाचारमुक्त, उद्देश्यपूर्ण और जवाबदेह पूर्ण है? कंपनी यह भी जानना चाहती है कि क्या कर्मी कोल इंडिया द्वारा तय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उत्साहित रहते हैं? यह भी जानने की कोशिश की गयी है कि कंपनी की शिकायत निवारण प्रणाली पारदर्शी, निष्पक्ष और न्यायसंगत है? इस तरह के सवालों के लिए कर्मियों को पांच-पांच ऑप्शन दिये गये हैं. इसमें पूर्ण सहमत से लेकर पूर्ण रूप से असहमत होने तक का ऑप्शन है.
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