उन्होंने कहा कि उग्रवाद हो या आतंकवाद, माफियागीरी हो या भ्रष्टाचार, इसे खत्म करने की न इच्छा इस सरकार में नहीं है. सारी व्यवस्था चौपट है. इस व्यवस्था के खिलाफ जो आवाज उठाते हैं, सरकार उसे नक्सली ठहराकर आवाज को ही चुप करा देती है. होपना मांझी कोई नक्सली नहीं थे. वह शोषण के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे थे. एक सामाजिक कार्यकर्ता थे.
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व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने वाले को सरकार बना रही है नक्सली : अरूप
राजगंज: शहादत समारोह की शुरुआत में विधायक अरूप चटर्जी ने होपना मांझी के समाधि स्थल पर मासस का लाल झंडा फहरा कर की. इस दौरान लाल सलाम के नारों से इलाका गूंज उठा. विधायक अरूप चटर्जी ने इस दौरान कहा कि स्व होपना की प्रतिमा लगायी जायेगी. उन्होंने होपना को चाहने वालों को प्रेरित किया […]
राजगंज: शहादत समारोह की शुरुआत में विधायक अरूप चटर्जी ने होपना मांझी के समाधि स्थल पर मासस का लाल झंडा फहरा कर की. इस दौरान लाल सलाम के नारों से इलाका गूंज उठा. विधायक अरूप चटर्जी ने इस दौरान कहा कि स्व होपना की प्रतिमा लगायी जायेगी. उन्होंने होपना को चाहने वालों को प्रेरित किया कि हर वर्ष शहादत दिवस पर कार्यक्रम करें, मेला भी लगायें, वह आवश्यक सहयोग करेंगे.
बीमार पड़ने पर समुचित इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गयी. यह साधारण मौत नहीं, वरन सोची समझी साजिश के तहत हत्या है. चेतावनी भरे लहजे में विधायक अरूप ने स्पष्ट कहा कि सरकार आदिवासी-मूलवासी के हितों की रक्षा करे वरना आक्रोश और बढ़ेगा. उसे रोकना सरकार के वश की बाहर की बात होगी. उन्होंने कहा कि मेरे रहते गरीब लोग डरे नहीं, हम आपके साथ हैं. कोई भी गलत व्यवहार करता है तो खु लकर आवाज उठायें.
पुलिस के भय से मायके में रह रही पत्नी
इस दौरान होपना की पत्नी संयोती देवी ने कहा कि अभी भी पुलिस उसे परेशान कर रही है, इसलिए वह मायके में रह रही है. समारोह को मासस महासचिव हलधर महतो, जीवन टुडू , हीरालाल महतो, अजीत टुडू, मनसा राम मुर्मू, सुरेन टुडू , गोपाल राय, छोटेलाल टुडू, रूपलाल किस्कू, यमुना राय, अनंत टुडू, पुशुलाल मुर्मू, महरू राय, शिवन बेसरा, बद्री टुडू, पुनु राय, शिवलाल मुर्मू, मदन बास्की, जीवलाल बास्की आदि थे.
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