दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ नहीं बोलने का वादा किया. कहा गया कि मामा-भांजों के बीच विवाद का फायदा दूसरे लोग उठा रहे हैं. विरोधी गुट कानूनी रूप से परेशान कर रहा है. विरोधी गुट जान-माल की क्षति पहुंचा सकता है. विरोधी क्षति पहुंचायेंगे और हम अपनों पर ही इल्जाम लगायेंगे. ऐसे में परिवार व खून का रिश्ता को टूटने नहीं देना है. लोग अपना-अपना व्यवसाय करें लेकिन एक दूसरे का विरोध नहीं करेंगे. किसी बात की गलतफहमी होने पर आपस में बैठक होगी. कोई किसी के बहकावे में नहीं आयेगा.
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गैंग्स ऑफ वासेपुर: अब हम साथ-साथ हैं, एक दूसरे के खिलाफ नहीं बोलेंगे, फहीम एंड सन्स और भांजों में सुलह
धनबाद: ढाई साल की दुश्मनी के बाद गैंगस्टर फहीम खान और उसके भांजों ने हाथ मिला लिये हैं. रिश्तेदारों की पहल पर फहीम के बेटे इकबाल व भांजे गोपी खान, प्रिंस खान ने सुलह कर ली है. सोमवार को इकबाल के साथ गोपी और प्रिंस की बैठक हुई. ममेरे व फुफेरे भाइयों ने एक-दूसरे को […]
धनबाद: ढाई साल की दुश्मनी के बाद गैंगस्टर फहीम खान और उसके भांजों ने हाथ मिला लिये हैं. रिश्तेदारों की पहल पर फहीम के बेटे इकबाल व भांजे गोपी खान, प्रिंस खान ने सुलह कर ली है. सोमवार को इकबाल के साथ गोपी और प्रिंस की बैठक हुई. ममेरे व फुफेरे भाइयों ने एक-दूसरे को गले लगाया. सभी ने साथ में बिरयानी खायी और गिले-शकवे दूर किये.
बैठक में भाइयों ने कहा कि हम लोगों के आपस के झगड़े का लाभ उठा पुलिस भी रोटी सेंक रही है. पुलिस जब मरजी तब घर में घुस जाती है. महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है. पैसे एेंठने के लिए बेवजह किसी मामले में कभी मामा तो कभी भांजों को परेशान किया जा रहा है. हमलोग एक रहेंगे, गलत काम नहीं करेंगे तो फिर केस क्यों होगा. पुलिस भी साक्ष्य के आलोक में कार्रवाई करें. अफवाह पर ध्यान नहीं दें. बेजवह अफवाह फैलायी जा रही थी कि मामा ने भांजों और भाजों ने मामा के बेटों की हत्या के लिए शूटर मंगवाया है. इकबाल व गोपी ने कहा कि वे लोग एक हैं एक रहेंगे. परिवार के मनमुटाव मिल-बैठ कर सुलझायेंगे.
‘हम लोगों के विवाद का तीसरा फायदा उठा रहा था’
समझौते के बाद अब विवाद समाप्त हो गया है. पुलिस की रणनीति भी फेल हो गयी है. दोनों गुट में विवाद में पुलिस सख्ती बरत रही थी. दोनों गुट केस में नाम आने के बाद भूमिगत रहते थे. विरोधी गुट भी फायदा उठाने की फिराक में था. मामा-भांजों में सुलह होने से विरोधी गुट को परेशानी हो सकती है.
फहीम के भांजे गोपी, गॉडवीन का कहना है कि मामा व भांजा में तो खून का रिश्ता होता है. खून व खानदान अलग कैसे हो सकता है. कुछ गलतफहमी थी जो दूर हो गयी. हमलोग अपराधी नहीं हैं. वासेपुर की अवाम शांति चाहती है. हमलोगों के विवाद से लोग परेशान थे. तीसरा फायदा उठा रहा था. हमलोग व्यवसायी हैं, राजनीति से जुड़ गये हैं. न गलत करेंगे और न ही गलत लोगों का साथ देंगे. फहीम के बेटे इकबाल का कहना है कि खून तो अपना होता है. सब तो एक ही खानदान के हैं. विवाद कोई दूसरा करवा रहा था. बेवजह हमलोगों को केस में नामजद कर दिया जाता है. अगर हमलोग गलत करते मर्डर करते तो कोर्ट व कानून से बरी नहीं होते. कोर्ट व कानून से न्याय मिल रहा है. वासेपुर में मामा व भांजा एक साथ हैं.
…और बढ़ता गया विवाद
लगभग नौ साल से फहीम घाघीडीह जेल में उम्र कैद काट रहा है. 2014 में टुन्ना मर्डर के बाद मामा व भांजों में विवाद बढ़ा था. हाल में पप्पू पाचक गोलीकांड में भी दोनों पक्ष आमने-सामने थे. पहले फहीम एंड कंपनी का नाम जुड़ा. फहीम के दो भाई व भतीजे गिरफ्तार कर जेल भेजे गये. आरोप लगा कि भांजों के दबाव में पीड़ित पक्ष ने फहीम एंड कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया. बाद में पीड़ित पक्ष ने सुलहनामा कर लिया जिससे इकबाल को बेल मिली. पीड़ित पक्ष ने फहीम के भांजों पर ही हत्या की नीयत से गोली चलवाने की शिकायत की है. जमीन विवाद में रंगदारी को लेकर मामा व भांजा गुट एक दूसरे के खिलाफ पुलिस में शिकायत करवाता रहा है.
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