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छात्राओं का पता नहीं, हर्जाना भुगतान में हो रही परेशानी
धनबाद. गंगा-दामोदर एक्सप्रेस में 23 नवंबर 2013 को धनबाद के प्रतिष्ठित स्कूल की छात्राओं के साथ सफर के दौरान दुर्व्यवहार मामले में रेलवे ने उन्हें हर्जाना देने का फैसला किया है. हालांकि छात्राओं को पूरा आंकड़ा नहीं मिल पाने से इसमें परेशानी हो रही है. सभी छात्राओं को 10-10 हजार रुपया हर्जाना दिया जायेगा, लेकिन […]
धनबाद. गंगा-दामोदर एक्सप्रेस में 23 नवंबर 2013 को धनबाद के प्रतिष्ठित स्कूल की छात्राओं के साथ सफर के दौरान दुर्व्यवहार मामले में रेलवे ने उन्हें हर्जाना देने का फैसला किया है. हालांकि छात्राओं को पूरा आंकड़ा नहीं मिल पाने से इसमें परेशानी हो रही है. सभी छात्राओं को 10-10 हजार रुपया हर्जाना दिया जायेगा, लेकिन स्कूल की ओर से अब तक सभी कागजात रेलवे को उपलब्ध नहीं कराये जा सके हैं.
धनबाद व डिगवाडीह ब्रांच की थीं छात्राएं : स्कूल की धनबाद व डिगवाडीह शाखा की छात्राएं दीघा ट्रिप के लिए गयीं थी. वापसी में स्कूल की 96 छात्राएं व शिक्षिका गंगा-दामोदर एक्सप्रेस से आ रहीं थी. एसी कोच में डिगवाडीह स्कूल की छात्राएं थी जबकि स्लीपर कोच के एस वन में धनबाद शाखा की छात्राएं. इस दौरान स्लीपर कोच में घुस कर कुछ लड़कों ने धनबाद की छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार किया था. इस मामले को मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान में लेकर कार्रवाई की.
छात्राओं की सूची बनाने में छूट रहा पसीना : घटना के चार साल बाद रेलवे ने स्कूल से संपर्क कर सभी छात्राओं की जानकारी मांगी है. इस पर स्कूल प्रबंधन ने तुरंत जानकारी दे पाने में असमर्थता जतायी. घटना के बाद प्राथमिकी की कॉपी तक स्कूल के पास नहीं है. ट्रीप में गयी छात्राओं की पहचान के लिए दीघा ट्रीप की फोटो तलाशी जा रही है. स्कूल प्रबंधन छह अक्तूबर तक सूची उपलब्ध कराने की बात कही है. वहीं रेलवे अधिकारी ने बताया कि हमारे पास उस समय का रिजर्वेशन चार्ट मौजूद है, लेकिन स्कूल प्रबंधन को एक-एक छात्रा की जानकारी देनी है. स्कूल के कागजात के साथ उसका बैंक एकाउंट नंबर और उस ट्रीप में गयी थी इसका प्रमाण देना है.
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