उन्होंने नियोजन से वंचितों को अविलंब नियोजित करने, कर्मीडीह भू-धंसान में प्रभावित लोगों को अविलंब सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कराने, मुआवजा राशि के साथ-साथ पुनर्वास व नियोजन देने की मांग की. इस पर डीटी श्री गंगोपाध्याय ने गोधर के मुद्दे पर गंभीरता दिखाते हुए कहा कि तत्काल अस्थायी तौर पर प्रभावित परिवारों को क्वार्टर में शिफ्ट कराया जायेगा. पूरे क्षेत्र का सर्वे करा परियोजना विस्तारीकरण की दिशा में कार्य किया जायेगा.
प्रभावित ग्रामीणों व आसपास के बस्ती के अन्य लोग अपनी जमीन की जांच कर कागजात जमा कराये, ताकि उन्हें नन कोल बियरिंग इलाके में बसाने व बीसीसीएल प्रबंधन के नियमानुसार मुआवजा आदि दिया जा सके. डीटी ने कहा कि कुसुंडा जीएम संग प्रभावित वार्ता कर तत्काल क्वार्टर में शिफ्ट करने का कार्य करें.
वार्ता प्रबंधन की ओर से जीएम सेफ्टी एके सिंह, निखिल बी त्रिवेदी, मासस जिलाध्यक्ष हरि प्रसाद पप्पू, जिला सचिव निताई महतो, सबुर गोरांई, भूषण महतो, प्रभावितों में विजय महतो, राजेंद्र कुमार महतो, रामेश्वर महतो, कार्तिक महतो, शंभू महतो, गोविंद महतो, जगदीश चंद्र महतो, संतोष महतो, लखीचंद महतो, जयदेव महतो आदि थे.