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सिंफर का आयोजन: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित कैप्सूल की लगायी प्रदर्शनी, तीन हजार बच्चे विज्ञान से हुए रू-ब-रू

धनबाद: सिंफर में सोमवार से तीन दिवसीय सीएसआइआर प्लेटिनम जयंती समारोह के तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित कैप्सूल प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. साथ ही उद्योग सम्मेलन के साथ सार्वजनिक पहुंच अर्थात मुक्त दिवस का शुभारंभ हुआ. कार्यक्रम में दस से अधिक स्कूलों के करीब तीन हजार बच्चों ने भाग लिया. बच्चों को सीएसआइआर […]

धनबाद: सिंफर में सोमवार से तीन दिवसीय सीएसआइआर प्लेटिनम जयंती समारोह के तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित कैप्सूल प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. साथ ही उद्योग सम्मेलन के साथ सार्वजनिक पहुंच अर्थात मुक्त दिवस का शुभारंभ हुआ. कार्यक्रम में दस से अधिक स्कूलों के करीब तीन हजार बच्चों ने भाग लिया. बच्चों को सीएसआइआर के विभिन्न लैब के अनुसंधान से अवगत कराया गया. साथ ही वैज्ञानिकों ने उन्हें विज्ञान व तकनीक की जानकारी भी दी.

कार्यक्रम का उद्घाटन विज्ञान भारती के राष्ट्रीय महासचिव ए जयकुमार ने किया. उन्होंने बच्चों से कहा कि जिंदगी भले ही छोटी हो, लेकिन यादगार होनी चाहिए. उन्होंने स्वामी विवेकानंद एवं वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा का जिक्र करते हुए कहा कि जिंदगी का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य होना चाहिए. लक्ष्य को पूरा करने के लिए तन-मन-धन से कोशिश करनी चाहिए.

सिंफर निदेशक डॉ पीके सिंह ने बच्चों को अध्ययन पद्धति व सोच में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी. साथ ही संस्था के वैज्ञानिकों से संपर्क एवं तकनीकी ज्ञान सीखने के लिए कहा. कार्यक्रम में जिज्ञासा कार्यक्रम की शुरुआत की गयी. साथ ही विज्ञान भारती/सिंफर की गतिविधियों से संबंधित वीडियो को दिखाया गया. मौके पर डॉ सीएन घोष, डॉ राजेंद्र सिंह, डॉ सिद्धार्थ सिंह, डॉ इश्तियाक अहमद, डॉ केके सिंह, डॉ आरवीके सिंह, डॉ बबली प्रसाद, डॉ डीबी सिंह, अशोक कुजूर, संजय कुमार आदि मौजूद थे.
बच्चों को मिली जानकारी : बच्चों को वैज्ञानिकों ने कार्बन डायऑक्साइड के अवशोषण की प्रमुख तकनीक, प्रकाश रहित वातावरण में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया खनन के दौरान विस्फोटन से पैदा होनेवाले चट्टानों के ओवरवर्डन के बारे में जानकारी दी. कार्यक्रम को डॉ पी पाल रॉय, डिगवाडीह सिंफर के प्रभारी वैज्ञानिक आशीष मुखर्जी, डॉ राजेंद्र सिंह आदि ने भी संबोधित किया.
उद्योग जगत से आये प्रतिनिधि : कार्यक्रम में विभिन्न उद्योगों से जुड़े करीब 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया. इनमें एनएमडीसी, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, एनटीपीसी, कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनियां, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड व ओएनजीसी के प्रतिनिधि शामिल थे. इस दौरान प्रतिनिधियों ने भी सीएसआइआर सिंफर द्वारा प्रदत्त तकनीकी सहयोग की प्रशंसा की.
इन स्कूलों के स्टूडेंट्स ने देखी प्रदर्शनी : केंद्रीय विद्यालय नंबर दो सरायढेला, केंद्रीय विद्यालय नंबर वन बिनोदनगर, जवाहर नवोदय विद्यालय बेनागोड़िया निरसा, आरबीबी
राजगंज उच्च विद्यालय,
लोवाडीह उत्क्रमित उवि, प्लस टू
उवि गोविंदपुर, डी-नोबिली सीएमआरआइ, कार्मेल स्कूल धनबाद, द्वारका मेमोरियल फाउंडेशन
एकेडमी आदि के करीब तीन हजार स्टूडेंट्स शामिल हुए. बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था भी थी.
वॉयस कमांड से कोल ट्रांसपोर्टिंग
कैप्सूल प्रदर्शनी के अलावा सिंफर, धनबाद की भी प्रदर्शनी लगायी गयी थी. इसमें वॉयस ऑपरेटेड ऑटोमेटिक कोल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम के मॉडल का प्रदर्शन किया गया. डॉ दिलीप कुंभकार ने बताया कि यह एक आवाज पर काम करता है. मसलन स्टॉप बोलने से यह रुक जाता है और फिर स्टार्ट बोलने से चलने लगता है. इस तरह दूर बैठ कर भी इसे ऑपरेट किया जा सकता है. लाभ यह है कि इससे जरा सा भी कोल बरबाद नहीं होता है. फिलहाल इसे लैब लेबल पर तैयार किया गया है. 50 लाख रुपये का पायलट लेबल का प्रोजेक्ट भी मिला है, जिसे सिंफर डिगवाडीह के यूनिट में लगाया जायेगा. इसी तरह रॉक टेस्ट इंडेंटर का मॉडल लगाया गया था. डॉ सहेंद्र राम ने बताया कि यह अंडरग्राउंड माइनिंग में सपोर्ट डिजाइन करने के काम में आता है, ताकि जहां से कोयला निकल चुका है वह गिरे नहीं और कोई हताहत नहीं हो. साथ ही इससे माइंस का स्ट्रेंथ तुरंत पता चल जाता है. इसी तरह हाई प्रेशर स्टेम चार्जिंग ओवन का मॉडल था. इंद्रजीत मंडल ने बताया कि इसमें कोयले को कंप्रेस करते हैं, जिससे एक तिहाई कम कोयले से उतनी ही उर्जा मिलती है.

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