धनबाद : कोयला राजधानी धनबाद में शोहदों व मनचलों में पुलिस का खौफ नहीं रह गया है. हालात यह है कि सरेआम युवतियों के साथ छेड़खानी हो रही है. इतना ही नहीं दुष्कर्म की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है. कई मामले में पुलिस अफसर कार्रवाई कर जेल भेज चार्जशीट दाखिल करने का दावा करते हैं, लेकिन रोकथाम की दिशा में कार्रवाई का असर नहीं दिख रहा है. धनबाद में एंंटी रोमियो स्क्वायड भी कथित आशिकों पर शिकंजा कसने में विफल है.
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निकलो ना बेनकाब, जमाना खराब है यहां हर गली में आशिकों का दल खड़ा है
धनबाद : कोयला राजधानी धनबाद में शोहदों व मनचलों में पुलिस का खौफ नहीं रह गया है. हालात यह है कि सरेआम युवतियों के साथ छेड़खानी हो रही है. इतना ही नहीं दुष्कर्म की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है. कई मामले में पुलिस अफसर कार्रवाई कर जेल भेज चार्जशीट दाखिल करने का दावा करते […]
हर माह दुष्कर्म की 12 और छेड़खानी की आठ मामले होते हैं दर्ज : आंकड़ा को देखें तो पता चलता है कि धनबाद में जनवरी से अगस्त कर दुष्कर्म की 110 केस दर्ज हुए हैं. छेड़खानी के 60 से अधिक मामले सामने आये हैं. इस तरह प्रतिमाह जिले में दुष्कर्म की 12 से 13 घटनाएं हो रही है. छेड़खानी के भी सात से आठ मामले पुलिस में दर्ज होते हैं. मामला संभ्रांत लोगों का होता है तो थाना तक पहुंचता ही नहीं है. कई मामले में गांव में पंचायती स्तर पर ही सलटा दिये जाते हैं. पुलिस रिकार्ड में नाबालिग लड़की को शादी की नीयत से भगा कर ले जाने के बाद,
बरामदगी होने व मेडिकल रिपोर्ट में शारीरिक संबंध मामले में भी दुष्कर्म की धारा जुटती है. पुलिस अफसरों का कहना है कि ऐसे ही केसों की संख्या ज्यादा है. पुलिस इस तरह के मामलों को सामाजिक विषमता भी मानती है.
अगस्त माह में हुई कई घटनाएं : अगस्त माह में छेड़खानी व दुष्कर्म की घटनाओं ने तो पुलिस सक्रियता व कार्रवाई की पोल खोल कर रख दी है. सुदामडीह में स्वतंत्रता दिवस समारोह से स्कूल से लौट रही नाबालिग छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना से सनसनी फैल गयी. सबूत मिटाने के लिए दरिंदो ने छात्रा को चाकूओं से गोद डाला. छात्रा पीएमसीएच में जिंदगी व मौत से जूझती रही. पुलिस छात्रा की मेडिकल कराने के लिए अर्जी भी नहीं दी. महिला आयोग की अध्यक्ष समेत अन्य धनबाद आकर पीड़िता से मिली. मामला मुख्यमंत्री सचिवालय तक पहुंचा. सुदामडीह थानेदार किशुन दास को सस्पेंड किया गया. अंतत: मामले में दुष्कर्म की धारा जोड़ी गयी.
मटकुरिया : एकतरफा प्रेम में हत्या
एकतरफा प्रेम में बहशी ने बुधवार की रात मटकुरिया घुरनी जोड़िया बस्ती में नाबालिग छात्रा को चाकूओं से गोद दिया. विरोध करने पर भाई को भी चाकू मार दिया. छात्रा की पीएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गयी. पुलिस सुरेश विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.
भूली : छात्रा ने स्कूल छोड़ा
भूली में छेड़खानी से तंग आकर छात्रा ने स्कूल जाना बंद कर दिया था. पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी महेश पासवान को जेल भेजा. पांडरपाला की छात्रा भी छेड़खानी से परेशान थी. उसमें भी केस दर्ज कर पुलिस ने आरोपी अली अफसर को गिरफ्तार कर जेल भेआ है.
सुदामडीह : स्कूल बस में चढ़ कर छेड़ा
सुदामडीह में स्कूल बस में चढ़कर युवकों ने स्कूली छात्रा के साथ छेड़छाड़ की. विरोध करने पर राहगीर को मारपीट कर जख्मी कर दिया. मौके से एक शबाब नामक आरोपी मौके से पकड़ा गया था.
शहर के शैक्षणिक संस्थानों के पास परेशान रहती हैं छात्राएं
धनबाद में स्कूल व कॉलेजों के साथ-साथ कोचिंग इंस्टीट्यूट के पास शोहदों को बाइक से चक्कर काटते देखा जाता है. सिटी बजाकर छात्राओं की ओढ़नी खीचकर भागते रहते हैं. धनबाद में खड़ेश्वरी मंदिर के समीप, महिला कॉलेज के आसपास, बैंकमोड़ स्थित दोनों मार्केट कॉम्लेक्स, हाउसिंग कॉलोनी, बरटांड़, बिग बाजार, कार्मेल स्कूल के सामने आदि जगहों पर युवकों की टोली चक्कर काटती रहती है.
क्या कहना है मनोवैज्ञानिकों का
मूल्य आधारित शिक्षा की कमी
हर अपराध को युवा द्वारा ही अंजाम दिया गया, जो हाल ही में स्कूल या कॉलेज से निकले होंगे. साफ तौर पर मूल्य आधारित शिक्षा की कमी है, जो अब परिवार से भी नहीं मिल रही है. सरकार भी इस ओर कोई पहल करती नहीं दिख रही है. अभिभावक अपने बच्चों पर नियंत्रण खोते जा रहे हैं. जबकि नैतिक शिक्षा की शुरुआत परिवार से ही होती है. घटना के बाद हम छानबीन ही कर सकते हैं, लेकिन ऐसी घटनाओं को घटित होने से रोकने का प्रयास करना होगा.
डॉ आरएस यादव, पीके राय मेमोरियल कॉलेज
कानून का दायरा भी बढ़ाना होगा
युवाओं में अपराध के कई कारण हैं. बेरोजगारी भी टीन एजर्स व युवा पीढ़ी में कहीं न कहीं अपराध का कारण है. सोशल मीडिया और समाज से भी युवा प्रभावित हैं. किसी ऐसे व्यक्ति को देख लेता है जो बिना मेहनत के कम समय में पैसे कमा लिया, उसे देख कर वह भी ऐसा करना चाहता है. इसके लिए वह अपराध का सहारा लेता है. समाज को खुद में भी सुधार लाना होगा. कानून का दायरा भी बढ़ाना होगा. युवा भी कहीं न कहीं समाज को देख कर ही अनुसरण कर रहा है.
डॉ मीना श्रीवास्तव, एसएसएलएनटी महिला कॉलेज
क्या कहते हैं छात्र
सोसाइटी जिस ओर जायेगी, यूथ भी उसी ओर मुड़ जायेगा. युवा समाज का हिस्सा है, जो बहाव में बहता जा रहा है. नशा से लेकर तमाम चीजों के लिए समाज ही जिम्मेवार है.
आदर्श, आइआइटी आइएसएम
भटक रही युवा पीढ़ी को समझाने की जरूरत है कि यह उनका कॅरियर नहीं है. अपराध गलत है, यह किसी हालत में स्वीकार नहीं किया जायेगा.
परख राज, दिल्ली पब्लिक स्कूल
पैसे कमाने के शॉर्ट कट तरीके से युवा अपराध की ओर बढ़ रहे हैं. कानून का सख्ती से अनुपालन नहीं होना, इंटरनेट का बेजा इस्तेमाल, नैतिकता का पतन व अन्य कई कारण भी हैं.
अंशुदीप कर्ण, (पूर्व छात्र) डी-नोबिली, सीएमआरआइ
यूथ में भटकाव आ गया है. इसका कारण मोरल एजुकेशन और ह्यूमन वैल्यू का अभाव है. एजुकेशन का उद्देश्य भी ज्ञान अर्जित करने के बजाय धन अर्जित करना रह गया है.
सौरभ कुमार सिन्हा, दिल्ली पब्लिक स्कूल
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