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बालिका देवी ने एफआइआर पर उठाये सवाल

भौंरा: सुदामडीह थाना क्षेत्र के गौरखूंटी छपरा मोड़ पर रेनबो ग्रुप के संस्थापक धीरेन रवानी की हुई हत्या में आरोपी कुणाल रवानी व करण रवानी की मां बालिका देवी ने वरीय पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चोथे को पत्र देकर सुदामडीह कांड संख्या 41/17 का सुपरविजन करवा न्याय दिलाने की गुहार लगायी है. कहा है कि […]

भौंरा: सुदामडीह थाना क्षेत्र के गौरखूंटी छपरा मोड़ पर रेनबो ग्रुप के संस्थापक धीरेन रवानी की हुई हत्या में आरोपी कुणाल रवानी व करण रवानी की मां बालिका देवी ने वरीय पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चोथे को पत्र देकर सुदामडीह कांड संख्या 41/17 का सुपरविजन करवा न्याय दिलाने की गुहार लगायी है. कहा है कि 18 अगस्त, 17 को धीरेन रवानी की हत्या में उनके पुत्र कुणाल रवानी, करण रवानी, उसे तथा उसके पति को साजिश रचने व हत्या करने का झूठा आरोप वरुण रवानी ने लगाया है.
मांग की है कि कांड का सुपरविजन कुछ साक्ष्यों के आलोक में किया जाये, जैसे- सूचक वरुण ने बालिका देवी को आते हुए नहीं दिखाई दिया, बल्कि अचानक अवतरित हो धीरेन से उलझते हुए दिखाई दिया. जब सूचक ने उसे उलझते हुए देखा तो बीच-बचाव नहीं किया, बल्कि हत्या होने का इंतजार करता रहा. भौंरा गौरखूंटी चौराहा बहुत चहल-पहल वाला इलाका है.

धीरेन बहुत ही सम्मानित व्यक्ति थे. ऐसा संभव ही नहीं है कि कोई धीरेन से उलझे और पलक झपकते बीच-बचाव को कोई न आ जाये. इससे प्रतीत होता है कि वरुण रवानी निजी फायदा के लिए झूठ बोल रहा है, जो संदेहास्पद है. वरुण ने मेरे (बालिका पर) ऊपर झूठा आरोप लगाया है कि धीरेन रवानी की हत्या के वक्त वह घटनास्थल पर उपस्थित थी और उसने ही धीरेन रवानी को गोली मारने के लिए बोली. यह बात सरासर झूठ एवं सत्य से परे है, क्योंकि उसके पति जेल में हैं. छोटा पुत्र बाहर रहकर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहा है. कुणाल रवानी भी घर में नहीं रहता था, इसलिए वह अकेली होने के कारण घर पर नहीं थी. उसके गौरखूंटी आवास का निरीक्षण से पता चल जायेगा कि यहां कोई नहीं रहता है. यह आवास उसके पुत्र के अंतिम संस्कार के दिन पुलिस के समक्ष खोला गया था. घटना के समय वह अपनी बहन चूड़ी पट्टी गोशाला सिंदरी में थी.

अखबार से मिली जानकारी
बालिका देवी का कहना है कि इस दोहरे हत्याकांड की जानकारी उसे सुबह के अखबार से मिली. अगर वह वहां होती, तो अपनी जान देकर भी अपने पुत्र को बचा लेती. घटना की भौगोलिक स्थिति को देखने के बाद सूचक वरुण की एफआइआर से लगता है कि वह, कुणाल, करण व अन्य दो अचानक प्रकट हुए. उसे धीरेन से उलझने, कुणाल व अन्य दो द्वारा धीरेन को पकड़े जाने एवं करण अचानक प्रकट हुआ और धीरेन को गोली मार दी, इतना करने में कम से कम दस मिनट का समय तो लगा होगा? वरुण रवानी द्वारा रची गयी कहानी से समझ में आता है कि इस अवधि में वरुण ने न तो हल्ला किया, न ही बीच-बचाव किया. गौरखूंटी चौराहा पर उपस्थित लोगों में से भी किसी ने बीच बचाव में नहीं किया. घटना से संबंधित एफआइआर संदेहास्पद है. उसके पति पर वरुण ने साजिश रचने व न्यायालय जाने के क्रम में उसको धमकी देने का झूठा आरोप लगाया है. उसके पति तीन साल से जेल में हैं. बालिका देवी ने पुलिस से कुणाल के जघन्य हत्याकांड में सुदामडीह थाना कांड संख्या 42 /17 के आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है.

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