वहीं पुलिस की लाख कोशिशों के बाद भी उसका भाई पप्पू पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका. विदित हो कि हरेंद्र के भाई पप्पू का आंतकी फंडिग के नेटवर्क से जुड़े उसके सहयोगियों ने 18 अगस्त की सुबह पॉलेटेक्निक मोड़ बाबूडीह से अपहरण कर लिया था. हरेंद्र ने इस मामले में खुद के अपहरण की कहानी गढ़ पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की. बाद में उसने कबूल किया कि अपहरण उसके भाई पप्पू का हुआ था. उसने पांच लाख फिरौती देकर अपने भाई को मुक्त कराया. पप्पू को पुलिस तलाश कर रही है. धनबाद पुलिस बार-बार पप्पू को थाना बुलाने के लिए हरेंद्र से कहती रही. लेकिन उसने नहीं बुलाया. धनबाद थाना से लखरीसराय पुलिस को हरेंद्र व पप्पू के बारे में सूचना दी गयी.
लखीसराय पुलिस की टीम डीएसपी पंकज कुमार के नेतृत्व में धनबाद पहुंची. हरेंद्र से पूछताछ के आधार पर उसके भाई पप्पू तथा सहयोगी बिट्टू की खोज में आसनसोल, गिरिडीह, बैंक मोड़, बस्ताकोला, बगोदर व इसरी में छापामारी की गयी. लेकिन पप्पू और बिट्टू अंतत: नहीं पकड़ा गया.