धनबाद: जिला का एक भी बूचड़खाना लाइसेंसी नहीं है. यह रिपोर्ट माडा जिला प्रशासन को सौंप रही है. राज्य सरकार के आदेश व डीसी के निर्देश पर जिला दंडाधिकारी ( विधि-व्यवस्था ) बीपीएल दास ने 24 बूचड़खानों की एक सूची माडा को भेज यह रिपोर्ट मांगी है कि क्या बूचड़खाना लाइसेंसी हैं या नहीं.
क्या है स्थिति : नयी फूड सेफ्टी एक्ट 2011 के आलोक में जनवरी 2012 के बाद लाइसेंस निर्गत करने का अधिकार माडा से छीन कर एसीएमओ को मिल गया. माडा ने रिपोर्ट में बताया है कि जनवरी 2012 के बाद नयी व्यवस्था से अब तक एक भी लाइसेंस निर्गत नहीं हुआ है. उससे पहले माडा द्वारा जारी कुल 259 बूचड़खानों का लाइसेंस भी नवीकरण न होने के कारण अब अस्तित्व में नहीं है. रिपोर्ट में जिस 24 बूचड़खाना की सूची माडा को भेजी गयी उस सूची के तमाम बूचड़खाना को माडा ने अवैध करार दिया है.
‘‘जिला में एक भी बूचड़खाना लाइसेंसी नहीं है. 259 बिना नवीकरण के हैं, जबकि 24 तो बिल्कुल ही अवैध हैं. उपायुक्त ने इस संबंध में माडा से जो रिपोर्ट मांगी है, वह तैयार है, इसे तुरंत भेजा जा रहा है.
डॉ रवींद्र सिंह, एमडी, माडा