Advertisement
रहें सावधान ! पैथोलॉजी सेंटर के कारण जा सकती है आपकी जान
धनबाद ; कोयलांचल में ऐसे कई पैथोलॉजी सेंटर चल रहे हैं, जहां पैथोलॉजिस्ट व योग्य प्रशिक्षित कर्मी नहीं हैं. 300 जांच घर की जगह मात्र 70 जांच घर ही स्वास्थ्य विभाग से निबंधित हैं. अप्रशिक्षित हाथों से खून व पेशाब की जांच रिपोर्ट तैयार की जाती है. यही अप्रशिक्षित कर्मियों की रिपोर्ट पर डॉक्टर मरीज […]
धनबाद ; कोयलांचल में ऐसे कई पैथोलॉजी सेंटर चल रहे हैं, जहां पैथोलॉजिस्ट व योग्य प्रशिक्षित कर्मी नहीं हैं. 300 जांच घर की जगह मात्र 70 जांच घर ही स्वास्थ्य विभाग से निबंधित हैं. अप्रशिक्षित हाथों से खून व पेशाब की जांच रिपोर्ट तैयार की जाती है. यही अप्रशिक्षित कर्मियों की रिपोर्ट पर डॉक्टर मरीज को दवा लिख दे रहे हैं, जबकि इस गंभीर मामले पर स्वास्थ्य विभाग उदासीन है. वहीं आम लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
जानें क्या है नियम : पैथोलॉजी लैब चलाने के लिए एमडी इन पैथोलॉजी डॉक्टर का होना जरूरी है. इसी का आधार बनाकर स्वास्थ्य विभाग रजिस्ट्रेशन निर्गत करता है. बिना चिकित्सक के लैब चलाना अवैध है. बिना रजिस्ट्रेशन के पहले ही जांच घर चलाना गैर-कानूनी है. इसके साथ यहां प्रशिक्षित कर्मचारी का होेना जरूरी है.
कई नर्सिंग होम में नहीं हैं पैथोलॉजिस्ट : जांच घरों के साथ कई नर्सिंग होम में भी पैथोलॉजिस्ट नहीं है. ऐसे में नर्सिंग होम संचालक अपने कर्मी से ही जांच करा कर मरीज का इलाज करते हैं. शहर में लगभग 20 रजिस्टर्ड पैथोलॉजिस्ट हैं. जबकि नर्सिंग होम की संख्या 250 से ऊपर है.
जांच पर ही मरीजों का इलाज : जांच घर जो रिपोेर्ट देते हैं, उसी पर डॉक्टर अपनी दवाएं लिखते हैं. ऐसे में अप्रशिक्षित कर्मियों से जांच कराना भारी पड़ सकता है. थायराइड, लीपिड प्रोफाइल, सुगर जांच अभी प्राय: चिकित्सक जांच के लिए लिखते हैं. इस रिपोर्ट में थोड़ी से गड़बड़ी से मरीज की जिंदगी तबाह हो सकती है.
स्वास्थ्य विभाग से सांठगांठ : मामले पर स्वास्थ्य विभाग की भी नजर है. लेकिन जानबूझ कर विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है. सूत्र बताते हैं कि इसके पीछे सेटिंग-गेटिंग का मामला है. कुछ कर्मी इसमें लगे हैं. इस कारण जांच घर निर्भीक होकर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं.
केस स्टडी एक
इशा जांच घर, कंबाइंड बिल्डिंग
बिल्डिंग स्थित इशा जांच घर में खून, स्टूल, खखार, वीर्य, बायोप्सी, हारमोन सहित दर्जनों जांच हो रही हैं. पैथोलॉजिस्ट के बारे में जब पूछा गया तो पहले डॉ एम शरण का नाम बताया गया. जब कहा गया कि डॉ शरण तो रांची में रहते हैं. इस पर पौथोलॉजी संचालक ने कोई जवाब नहीं दिया. कभी-कभी एक दूसरे डॉक्टर का नाम लेते रहे. इस दौरान कुछ चिकित्सक तो कुछ अधिकारियों के परिचित होने की बात कही जाने लगी.
केस स्टडी दो
हाइटेक जांच घर, पीएमसीएच
पीएमसीएच से सटे हाइटेक जांच घर में कोई पैथोलाॅजिस्ट नहीं है. यहां पर भी डॉ एम शरण का नाम बताया गया. कभी दूसरे डॉक्टर का नाम बताया गया. पीएमसीएच आने वाले गरीब मरीजों को सरकारी सेवा नहीं मिलने पर मजबूरन यहां आना पड़ता है. 24 घंटे खुले रहने वाले इस केंद्र में कोई प्रशिक्षित कर्मी भी नहीं है. लेकिन पैथोलॉजी से जुड़ी तमाम जांच यहां धड़ल्ले से यहां हो रही है.
केस स्टडी तीन
सेरम जांच घर, अरबन हाट कोर्ट मोड़
रणधीर वर्मा चौक के अरबन हाट में अवस्थित है सेरम जांच घर. यहां के संचालक ने बताया कि चेन सिस्टम के तहत जांच घर चल रहा है. यहां पर रक्त संग्रह कर कोलकाता मुख्यालय भेजा जाता है. लेकिन जांच घर का धनबाद से लाइसेंस नहीं बनाया गया है. ब्रांच के कर्मी ने बताया कि लाइसेंस के लिए आवेदन दिया है. यहां आयरन डिफिसेंसी प्रोफाइल सहित कई जांच होती है.
केस स्टडी चार
बायो केमिकल लैब हीरापुर
जांच घर के बाहर बोर्ड लगाया गया है. बोर्ड में कई प्रकार से जांच की लिस्ट अंकित है. पैथोलाजिस्ट का नाम पर यहां भी डाॅ एम शरण अंकित हैं. यहां के कर्मी ने बताया कि शाम में रिपोर्ट दे देते हैं, जब कहा कि डॉ शरण तो धनबाद में नहीं रहते हैं. तब रिपोर्ट कैसे देते हैं, तब कहा कि बीच-बीच में आते हैं. शाम को मौखिक में ही रिपोर्ट मरीजों को देते हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement