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धूल फांक रही 30 लाख की थायराइड जांच मशीन
धनबाद : पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज के बायोकेमिस्ट्री व पैथोलाॅजी विभाग में दो-दो थायराइड मशीनें धूल फांक रही हैं. दो वर्ष पूर्व खरीदी गयी इन मशीनों का उपयोग नहीं हो रहा है. इससे थायराइड जांच के लिए आने वाले मरीजों को पीपीपी मोड के तहत एसआरएल या निजी जांच घरों पर निर्भर होना पड़ रहा है. […]
धनबाद : पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज के बायोकेमिस्ट्री व पैथोलाॅजी विभाग में दो-दो थायराइड मशीनें धूल फांक रही हैं. दो वर्ष पूर्व खरीदी गयी इन मशीनों का उपयोग नहीं हो रहा है. इससे थायराइड जांच के लिए आने वाले मरीजों को पीपीपी मोड के तहत एसआरएल या निजी जांच घरों पर निर्भर होना पड़ रहा है. बताया जाता है कि मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया (एमसीआइ) के निर्देश पर पीएमसीएच प्रबंधन ने 30 लाख रुपये में थाइराइड जांच के लिए मशीन का क्रय किया था, लेकिन अभी तक इसे ऑपरेट नहीं किया गया है, केवल कागज पर ही दोनों विभागों में थाइराइड मशीन की कमी पूरी हो गयी है.
कागजों पर ही चल रही सेंट्रलाइज्ड पैथोलॉजी
एमसीआइ की गाइड लाइन के अनुसार पीएमसीएच में सेंट्रलाइज्ड पैथोलॉजी बनायी गयी. इसके लिए लाखों रुपये खर्च कर सेपरेट वार्ड बनाया गया. एमसीआइ ने यहां पर माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी, बायोकैमिस्ट्री आदि विभागों की जांच एक ही जगह करने का निर्देश दिया. कागजों पर तो वार्ड बना कर एमसीआइ को दिखा दिया गया, लेकिन इसका लाभ धरातल पर लोगों को नहीं मिल रहा है.
बिना टेक्नीशियन के मशीन की खरीद
विभाग की ओर से थाइराइड मशीन तो खरीद ली गयी, लेकिन टेक्नीशियन अलग से नहीं मिले. सरकार के नियमानुसार बिना टेक्नीशियन के कोई मशीन नहीं खरीदनी है, लेकिन एमसीआइ के निर्देशों का हवाला देते हुए मशीनों का क्रय कर लिया गया. विभाग में मशीन तो आ गयी, लेकिन आम लोगों को फायदा नहीं मिला.
मशीन के लिए कुछ छोटे उपकरण नहीं थे, इस वजह से चालू नहीं किया जा सका था. विभागाध्यक्षों से जानकारी ली है, जल्द इसे चालू किया जायेगा.
डॉ अरुण कुमार, प्राचार्य, पीएमसीएच
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