श्री प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री के सचिव ने धनबाद उपायुक्त को मामले में पत्र भेजा था. उसके बाद जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की पदाधिकारियों ने इसमें रुचि दिखाई और साजिश के तहत फाउंडेशन को जमीन उपलब्ध कराने की बात चल रही है. मामले में उपायुक्त की सहमति और डीएसइ की सक्रियता सही नहीं है.
इसे किसी भी कीमत पर धनबाद ही नहीं, झारखंड के किसी भी जिले में संचालित नहीं होने दिया जायेगा. इसके लिए जो भी कीमत चुकानी पड़े, जेल जाना पड़े या गोली खानी पड़े, पीछे नहीं हटेंगे. हटायी गयी रसोइयों को भी पुन: बहाल किया जाये. इस जन विरोधी प्रस्ताव एवं अन्य मांगों को लेकर 9 अगस्त को समाहरणालय के समक्ष प्रतिवाद प्रदर्शन एवं रणधीर वर्मा चौक पर एक दिवसीय विशाल धरना होगा. 11 अगस्त को विधानसभा का घेराव किया जायेगा. इसमें जिले के सभी स्कूलों की तमाम रसोइयों, संयोजिकाओं, अध्यक्षों से बड़ी संख्या में रांची कूच करने की अपील की गयी है. सरकार निजी ठेकेदारों, कॉरपोरेट घरानों के पक्ष में काम कर रही है. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धनबाद जिला प्रेरक संघ भी अपनी मांगों के साथ सक्रिय रूप से शामिल रहेगा. बैठक में महफूज आलम, मुन्ना खान, पूनम देवी, भूलिया देवी, खिरिचा देवी, कलावती देवी, जानकी देवी, कविता देवी, सविता देवी, फूल कुमारी, हेमंती देवी, सरोज देवी, सुमित्रा दास, घमंती देवी, सावित्री देवी, दोपाल सेन, रीना देवी, राजकुमार, संजय वर्मा, शोभा देवी, महेश रजवार, कार्तिक प्रसाद, कृष्णा सिंह आदि मौजूद थे.