धनबाद: बरवाअड्डा के पूर्व थानेदार गिरिजेश कुमार के साथ मारपीट के मामले की सुनवाई सोमवार को सीजेएम एसके पांडेय की अदालत में हुई. अदालत में धनबाद के पूर्व एसपी शीतल उरांव, डीएसपी संजय रंजन व इंस्पेक्टर रामाशंकर सिंह हाजिर नहीं हुए. उनके अधिवक्ता ने दंप्रसं 317 का आवेदन दाखिल किया. शिकायतकर्ता की ओर से अनूप कुमार सिन्हा ने गवाही के लिए समय की मांग की.
विदित हो कि 24 मार्च 2008 को थानेदार गिरिजेश कुमार ने तीनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अदालत में सीपी केस (संख्या 547/08) दायर किया था. आरोप के अनुसार 18 मार्च को तत्कालीन एसपी शीतल उरांव ने अपने आवासीय कार्यालय बुलाकर सर्विस रिवाल्वर जमा करने का आदेश दिया. रिवाल्वर लेने के बाद एसपी, डीएसपी (विधि व्यवस्था) संजय रंजन व इंस्पेक्टर रामाशंकर सिंह ने मारपीट की. घटना एसपी के चेंबर में हुई. इसी मामले में अदालत ने आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 323,341 के तहत संज्ञान लिया था. अब इस मामले की सुनवाई नौ मई को होगी.
डकैती में तीन को सात वर्ष की सजा : कतरास थाना क्षेत्र के रामकनाली निवासी बीसीसीएल कर्मी के आवास में डकैती कांड के मामले में सोमवार को सीजेएम की अदालत में फैसला सुनाया गया. आरोपित रवींद्र मिश्र, वीरेंद्र भुईयां व संजय साहु को भादवि की धारा 395 में दोषी पाकर सात-सात वर्ष की कैद व पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी गयी, जबकि अन्य आरोपित अजीत वर्मा, असगर अंसारी, गणोश रविदास उर्फ विनोद रविदास व हैदर अंसारी को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया. 26 दिसंबर 09 की रात गृह स्वामी के डय़ूटी से घर लौटने के दौरान डकैतों ने उसे अपने कब्जे में घर लाया. घर में 50 हजार की संपत्ति लूट ली. बीसीसीएल कर्मी नारायण कुम्हार ने कतरास थाना में अज्ञात के खिलाफ कांड संख्या 340/09 दर्ज कराया. बाद में पुलिस ने अनुसंधान के दौरान आरोपितों को पकड़ कर जेल भेज दिया. अभियोजन की ओर से एपीपी अरुण झा ने पैरवी की. यह मामला एसटी केस नंबर 254/10 से संबंधित है.
दुष्कर्म के आरोपी डॉक्टर रिहा : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश षष्टम राम शर्मा की अदालत ने सोमवार को दुष्कर्म के मामले में आरोपित होमियोपैथ डॉक्टर महमूद आलम को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया. बचाव पक्ष से शहनाज बिलकिस ने पैरवी की.