नेतृत्व झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन के प्रदेश महामंत्री रामकृष्णा सिंह कर रहे थे. मौके पर श्री सिंह ने तबादले को मजदूर विरोधी हरकत एवं काला आदेश करार देते हुए कहा कि मजदूरों का इस तरह का शोषण इमरजेंसी में भी नहीं किया गया था. कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मजदूर से लेकर मुख्यमंत्री तक का सफर किये हैं, उन्हें कम से कम महिलाओं पर तो रहम करना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि 237 कामगारों का तबादला कर प्रबंधन ने बिरनी के खोता में हाथ दिया है, जिसे मजदूर कतई बरदाश्त नहीं करेगा. श्री सिंह ने घोषणा की अविलंब तुगलकी फरमान वापस नहीं लिया गया तो सात अगस्त से मजदूर अनिश्चितकालीन राज्यव्यापी हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होंगे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अविलंब हस्तक्षेप कर स्थानातंरण आदेश को रद्द करायें, ताकि झारखंड अंधकार के गर्त में नहीं डूबे. निगम का पुनर्गठन कर टेक्नोक्रेट को लाया जाये, ताकि बिजली बोर्ड बच सके. श्री सिंह ने कहा कि वे को- ऑर्डिनेशन कमेटी से बात करेंगे, ताकि हड़ताल में सहयोगी बन सकें.