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धनबाद के साथ सौतेला व्यवहार करता है बीसीसीएल : चेंबर
धनबाद : बीसीसीएल प्रबंधन के खिलाफ शुक्रवार को जिला चेंबर ने जमकर भड़ास निकाली. कहा कि पिछले दो साल से स्थायी सीएमडी नहीं हैं. डीपी व डीटी का पद भी खाली है. पिछले कई माह से बीसीसीएल बोर्ड की बैठक नहीं हुई. बजट पास नहीं होने के कारण बीसीसीएल से जुड़े छोटे उद्योगों व सप्लायर्स […]
धनबाद : बीसीसीएल प्रबंधन के खिलाफ शुक्रवार को जिला चेंबर ने जमकर भड़ास निकाली. कहा कि पिछले दो साल से स्थायी सीएमडी नहीं हैं. डीपी व डीटी का पद भी खाली है. पिछले कई माह से बीसीसीएल बोर्ड की बैठक नहीं हुई. बजट पास नहीं होने के कारण बीसीसीएल से जुड़े छोटे उद्योगों व सप्लायर्स पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. शुक्रवार को बैंकमोड़ चेंबर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिला चेंबर अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि ऐसा लगता है कि बीसीसीएल को बंद करने की साजिश रची जा रही है. कंपनी धनबाद से अरबों रुपये कमाती है, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक पाई खर्च नहीं करती है.
हर साल लाखों लोग प्रदूषण के कारण नाना प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं. बीसीसीएल का सीएसआर फंड है, लेकिन वह राशि भी धनबाद के बाहर सिंगरौली आदि जगहों पर खर्च की जाती है. प्रेस कांफ्रेंस में बैंकमोड़ चेंबर प्रवक्ता संदीप मुखर्जी, सुशील नारनोली उपस्थित थे.
कोयला निकालने को बंद की गयी डीसी लाइन
जिला चेंबर महासचिव चेतन गोयनका ने कहा कि अचानक रेल लाइन बंद करने के पीछे बहुत बड़ी साजिश है. यहां से कोयला निकालने के लिए योजना है. जब सड़क पर जनता आंदोलन कर रही है तो डीजीएमएस, बीसीसीएल व रेलवे एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं.
कारोबार पर बुरा असर
बैंक मोड़ चेंबर सचिव प्रभात सुरोलिया ने कहा कि बीसीसीएल में स्थायी सीएमडी नहीं रहने के कारण काम प्रभावित हो रहा है. इसका सीधा असर धनबाद के कारोबार पर भी पड़ रहा है. बीसीसीएल बोर्ड की बैठक व बजट पास नहीं होने के कारण सप्लायर्स के करोड़ों रुपये फंस गये हैं.
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