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टैक्स की चोरी देश के साथ गद्दारी : जयंत

धनबाद: केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने आज कहा कि टैक्स की चोरी देश के साथ गद्दारी है. जो व्यवसायी दो नंबर का कारोबार कर रहे हैं, वह देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं. अगर आप टैक्स नहीं दे रहे हैं तो यह कर्ज आपका बढ़ता चला जायेगा. आप नहीं तो आपके […]

धनबाद: केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने आज कहा कि टैक्स की चोरी देश के साथ गद्दारी है. जो व्यवसायी दो नंबर का कारोबार कर रहे हैं, वह देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं. अगर आप टैक्स नहीं दे रहे हैं तो यह कर्ज आपका बढ़ता चला जायेगा. आप नहीं तो आपके बेटे उस कर्ज को चुकायेंगे. वह गुरुवार को जिला चेंबर की ओर से सिंफर में जीएसटी पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि प्रत्येक साल सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर 21 लाख करोड़ रुपये खर्च करती है. सरकार को 15.5 लाख करोड़ सालाना टैक्स आता है. प्रत्येक साल साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये सरकार बैंक से कर्ज लेती है. यह कर्ज जनता को ही भुगतान करना होता है. इसलिए टैक्स की चोरी न करें और समय पर टैक्स का भुगतान करें.
नंबर वन देश बनाना है तो नंबर टू कारोबार बंद करना होगा : जयंत सिन्हा ने कहा कि जनतंत्र का सुविधा तंत्र है जीएसटी. यह सरलीकृत प्रणाली है. जीएसटी से क्रांति आ रही है. निश्चित रूप से आम जनता को जीएसटी से लाभ होगा और देश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी. जो व्यवसायी कच्चा में काम कर रहे थे, वे अब नहीं कर पायेंगे. नंबर वन देश बनाना है तो नंबर टू कारोबार को बंद करना होगा. जब तक नंबर टू कारोबार बंद नहीं होगा तब तक जीएसटी का जादू नहीं चल पायेगा. भारत का जीडीपी 17 प्रतिशत है. जबकि विकसित देश अमेरिका, इंगलैड व अन्य देशों में जीडीपी 34 प्रतिशत है. टैक्स नहीं देंगे तो देश कैसे विकसित होगा. मौके पर उन्होंने व्यवसायियों के सवालों का भी जवाब दिया.
कुछ वस्तु पर क्लियरिटी नहीं है, उसे क्लियर कराया जा रहा है
जयंत सिन्हा ने एजुकेशन मेटेरियल पर टैक्स मामले पर कहा कि कुछ ऐसी वस्तु है जिसमें क्लियरिटी नहीं हो पायी है. जीएसटी कौंसिल इस पर काम कर रही है. जल्द ही उसे क्लियर कर लिया जायेगा.
एक देश, एक कर व एक बाजार : चेंबर
जिला चेंबर अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया. उन्होंने कहा कि सही मायने में अखंड भारत का सपना पूरा हुआ है. जीएसटी लगने के बाद हमलोगों को एक बाजार मिला. अब देश भर में कहीं से भी माल खरीद व बेच सकते हैं. हालांकि नयी व्यवस्था होने के कारण कुछ परेशानियां भी सामने आ रही है. 30 जून तक अगर एक करोड़ स्टॉक है तो आइटीसी में 3.60 लाख का घाटा व्यवसायियों को उठाना पड़ रहा है. इसमें संशोधन की आवश्यकता है.

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