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कभी भी बंद हो सकता है निरसा फिल्टर प्लांट
निरसा : भमाल स्थित पेयजल व स्वच्छता विभाग का वाटर फिल्टर प्लांट कभी भी बंद हो सकता है. फिल्टर प्लांट की जमीन पर पर कब्जा के लिए हीरापुर धनबाद निवासी नीलकंठ चंद्रा ने दबाव बढ़ा दी है. ज्ञात हो कि भमाल मौजा के खाता नंबर 14 प्लॉट नंबर 371, 372 व 318 के कुल रकबा […]
निरसा : भमाल स्थित पेयजल व स्वच्छता विभाग का वाटर फिल्टर प्लांट कभी भी बंद हो सकता है. फिल्टर प्लांट की जमीन पर पर कब्जा के लिए हीरापुर धनबाद निवासी नीलकंठ चंद्रा ने दबाव बढ़ा दी है. ज्ञात हो कि भमाल मौजा के खाता नंबर 14 प्लॉट नंबर 371, 372 व 318 के कुल रकबा एक एकड़ 76 डिसमिल पर ट्रीटमेंट प्लांट, आवासीय कॉलोनी एवं रास्ता है. इस जमीन पर नीलकंठ चंद्रा की मां अंबिका रानी चंद्रा ने अपना दावा पेश करते हुए वर्ष 1975 में कोर्ट में मामला दर्ज कराया था. 27 दिसंबर 2015 को धनबाद सिविल कोर्ट के पदाधिकारी व दंडाधिकारी कब्जा दिलाने भमाल पहुंचे थे. ग्रामीणों ने इसका विरोध किया.
इसके बाद प्रखंड कार्यालय में विधायक अरूप चटर्जी सहित विभाग के कनिया अभियंता सुनील कुमार व रैयत के बीच लिखित समझौता हुआ. इसमें विभाग ने मुआवजा भुगतान के लिए एक माह का समय मांगा. मुआवजा को लेकर विधायक श्री चटर्जी के अलावा रैयत विभागीय मंत्री से लेकर सचिव तक का कई बार संपर्क किया. श्री चटर्जी ने विधानसभा में दो बार प्रश्न भी उठाया, लेकिन भुगतान की व्यवस्था नहीं की गयी. दो वर्षों में न्याय नहीं मिलने पर श्री चंद्रा नेविभागीय मंत्री के अलावा कार्यपालक अभियंता को पत्र भेजा है. साथ ही उन्होंने दखल कब्जा को लेकर न्यायिक प्रक्रिया भी शुरू की है.
छह पंचायतों में होती है जलापूर्ति : भमाल स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से छह पंचायतों में जलापूर्ति होती है. इनमें भमाल, निरसा मध्य, उत्तर व दक्षिणी, हड़ियाजाम एवं पीठाकियारी शामिल हैं. यदि प्लांट बंद हुआ तो 50 हजार लोगों को पानी मिलना बंद हो जायेगा. ऐसा होने से क्षेत्र में हाहाकार मच जायेगा.
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