बताया गया कि लगभग दो सौ एकड़ जमीन चिह्नित की गयी है. शेष के लिए प्रक्रिया चल रही है. बैठक में पूरे जिले में मुख्य सड़क के किनारे दो हजार एकड़ निजी जमीन चिह्नित करने को कहा गया. जिसे जरूरत पड़ने पर अधिग्रहीत किया जा सके. ऐसे स्थानों पर जमीन चिह्नित करने को कहा गया जहां वन विभाग से अनुमति लेने की जरूरत नहीं हो.
बैठक में दूसरे प्रोजेक्टों के लिए जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया के अलावा ऑनलाइन म्यूटेशन की भी समीक्षा की गयी. बैठक में प्रशिक्षु आइएएस जितेंद्र सिंह डुडी, अपर समाहर्ता सत्येंद्र कुमार के अलावा राजस्व विभाग के अधिकारी मौजूद थे.