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2018 में 4541 शहरों के बीच होगी स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग
धनबाद: 2018 में होनेवाले स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी शुरू हो गयी है. इस बार एक लाख से कम जनसंख्या वाले 4541 शहरों के बीच स्वच्छता सर्वेक्षण होगा. शहरी विकास मंत्रालय ने शुक्रवार को स्वच्छता संबंधी गाइड लाइन जारी की है. शहरी विकास मंत्रालय की गाइड लाइन के आधार पर नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण की […]
धनबाद: 2018 में होनेवाले स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी शुरू हो गयी है. इस बार एक लाख से कम जनसंख्या वाले 4541 शहरों के बीच स्वच्छता सर्वेक्षण होगा. शहरी विकास मंत्रालय ने शुक्रवार को स्वच्छता संबंधी गाइड लाइन जारी की है. शहरी विकास मंत्रालय की गाइड लाइन के आधार पर नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी शुरू कर दी है. बताते चलें कि 2017 में पांच सौ शहरों के बीच स्वच्छता सर्वेक्षण करायी गयी थी. इसमें एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को शामिल किया गया था. एक लाख आबादी वाले पांच सौ शहरों के अलावा एक लाख से कम आबादी बाले 4041शहरों को स्वच्छता सर्वेक्षण में शामिल किया गया है.
सर्वेक्षण में कचरा प्रोसेसिंग व डिस्पोजल पर फोकस : 2018 में होनेवाले स्वच्छता सर्वेक्षण में कचरा प्रोसेसिंग व डिस्पोजल पर फोकस किया गया है. पिछले साल कचरा कलेक्शन व ट्रांसपोर्टेशन पर फोकस था. इस बार प्रोसेसिंग व डिस्पोजल पर ज्यादा वेटेज दिया गया है. धनबाद नगर निगम में अब तक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का टेंडर फाइनल नहीं हुआ है. इसको लेकर ऊहापोह की स्थिति है.
प्रचार-प्रसार व कैपेसिटी बिल्डिंग पर बढ़ाये गये अंक
प्रचार-प्रसार व कैपेसिटी बिल्डिंग पर अंक बढ़ाये गये हैं. पूर्व में प्रचार-प्रसार व कैपेसिटी बिल्डिंग पर एक-एक सौ अंक थे. इस बार के स्वच्छता सर्वेक्षण में तीन-तीन सौ अंक रखे गये हैं.
सूखा व गीला कचरा कलेक्शन पर अंक
सूखा व गीला कचरा कलेक्शन पर अंक मिलेंगे. 300 मीटर की दूरी पर सूखा व गिला कचरा के लिए डस्टबीन रखना है. इसके अलावा सूखा व गीला कचरा के डिस्पोजल की टाइमिंग पर भी अलग से अंक मिलेंगे. इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गयी है.
700 अंकों का होगा सिटीजन फीडबैक
सिटीजन फीडबैक पर 700 अंक निर्धारित किये गये हैं, जबकि पिछले साल सिटीजन फीडबैक पर 600 अंक थे. इसी तरह साफ-सफाई ऑब्जर्वेशन पर 500 से बढ़ा कर 600 अंक किये गये हैं. डॉक्यूमेंटेशन पर 900 से घटा कर 700 अंक निर्धारित किये गये हैं.
मिल चुकी है गाइड लाइन
शहरी विकास मंत्रालय की गाइड लाइन आ चुकी है. गाइड लाइन के आधार पर स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी शुरू की जा रही है. कचरा प्रोसेसिंग व डिस्पोजल पर विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है.
अनिल कुमार गुप्ता, सेनेटेशन एक्सपर्ट
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