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गड़बड़झाला: धनबाद जिले में हैं ऐसे लगभग 150 स्कूल, सीबीएसइ पैटर्न के नाम पर ठगे जा रहे पेरेंट्स
धनबाद जिले में सीबीएसइ पैटर्न के नाम पर दर्जनों स्कूल अपनी मनमानी कर रहे हैं. ये स्कूल न सिर्फ अभिभावकों का शाेषण करते हैं, बल्कि बच्चों का भविष्य भी अंधकारमय बना रहे हैं. मनचाहे स्कूल में एडमिशन नहीं करा सकने तथा आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावक इनके मायाजाल में फंसते हैं. शिक्षा विभाग मामले में […]
धनबाद जिले में सीबीएसइ पैटर्न के नाम पर दर्जनों स्कूल अपनी मनमानी कर रहे हैं. ये स्कूल न सिर्फ अभिभावकों का शाेषण करते हैं, बल्कि बच्चों का भविष्य भी अंधकारमय बना रहे हैं. मनचाहे स्कूल में एडमिशन नहीं करा सकने तथा आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावक इनके मायाजाल में फंसते हैं. शिक्षा विभाग मामले में अनजान नजर आ रहा है.
धनबाद: अगर आप सीबीएसइ पैटर्न और पब्लिक स्कूल के नाम पर जेब ढीली कराने वाले प्राइमरी स्कूलों में अपने बच्चों का एडमिशन कराने की सोच रहे हैं, तो सावधान हो जाइए. ऐसे स्कूल अपने प्रॉस्पेक्टस, अन्य प्रचार माध्यमों व वेबसाइट पर ‘सीबीएसइ पैटर्न’ लिखकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. शिक्षा विभाग की नाक के नीचे सीबीएसइ पैटर्न दिखाकर ये स्कूल पैरेंट्स काे ठग रहे हैं. इस गोरखधंधे में जिले के कई नामचीन स्कूल भी शामिल हैं. सूत्रों की मानें तो जिले में ऐसे स्कूलों की संख्या 150 से अधिक है. ये स्कूल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं होने के बावजूद अपना कारोबार फैला रखे हैं.
परीक्षा के समय चलता है पता : कई बार देखा गया है कि दसवीं बोर्ड की परीक्षा का एडमिट कार्ड आने के बाद अभिभावकों को स्कूल के झांसे का पता चलता है. परीक्षा के लिए मिले एडमिट कार्ड में संबंधित मदद करने वाले स्कूल का नाम अंकित रहता है. कुछ माह पूर्व शहर के एक स्कूल में अभिभावकों ने इस बात को लेकर न केवल हंगामा किया था, बल्कि प्राचार्य की पिटाई तक कर दी थी. प्राचार्य ने खुद के स्कूल के गलत होने के डर से थाने में मारपीट की शिकायत नहीं की थी.
मान्यता को जरूरी एनओसी: सीबीएसइ हो या सीआइएससीइ, दोनों से मान्यता के लिए संबंधित स्कूल को राज्य सरकार से एनओसी की जरूरत होती है. मान्यता से पहले संबंधित बोर्ड या काउंसिल को यह एनओसी प्रस्तुत करना जरूरी होता है. जबकि जिला में ऐसे भी स्कूल हैं, जिन्हें शिक्षा विभाग से एनओसी नहीं मिला है और ये स्कूल कुछ वर्षों से संचालित हो रहे हैं.
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