भौंरा: कोयला उद्योग में तीन दिवसीय हड़ताल को सफल बनाने के लिए शुक्रवार को संयुक्त मोरचा के नेता भौंरा अस्पताल पहुंचे. वहां सीक लीव रजिस्टर की जांच की, तो उनके होश उड़ गये. रजिस्टर में 14 व 15 जून से 80 कर्मियों का सीक लीव दर्ज था. हालांकि अस्पताल के बेड पर कोई मरीज नहीं था. नेताओं ने कहा कि अस्पताल कर्मियों की मिलीभगत से सेंटर पोल, 37/38, ऑटो गैराज, 35 नंबर, 29/30 में कार्यरत कर्मी हड़ताल से बचने के लिए सीक लीव ले रखे हैं.
नेताओं ने जब इस बारे में डाॅ भोला शेखर से पूछताछ की तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये. तब नेताओं ने अस्पताल के सीएमओ डॉ केया मुखर्जी से मिलकर पूछा कि जब चिकित्सालय में एक भी मरीज भरती नहीं है, तो फिर इतने लोगों को किस आधार पर सीक लीव दे दी गयी. नेताओं ने आरोप लगाया कि भौंरा चिकित्सालय में कार्यरत कई स्टॉफ चिकित्सक से मिलीभगत कर सीक लीव का धंधा कर रहे हैं.
कहा कि अस्पताल के स्टॉफ कर्मियों का सीक व फीट सर्टिफिकेट चाय-पान की दुकानों पर पहुंचा देते हैं. नेताओं की शिकायत सुनने के बाद सीएमओ ने कहा कि जो कर्मी बिना भरती हुए सीक में हैं, उनको कल से फीट कर दिया जायेगा. साथ ही एक साथ इतने लोगों को कैसे सीक दी गयी, इसकी जांच करायी जायेगी. उन्होंने नेताओं को आश्वासन दिया कि बिना भरती हुए किसी भी कर्मी को सीक नहीं दी जायेगी. मौके पर सुग्रीव सिंह, रंजय कुमार, सुरेंद्र सिंह, प्रदीप भट्टाचार्या, एसके शाही, राजू यादव, कृष्णा सिंह आदि मौजूद थे.