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देवघर की लखराज भूमि को लेकर डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस, बोले जांच कर रही है उच्च स्तरीय कमेटी

देवघर डीसी ने कहा कि लखराज से जुड़ा मुद्दा सरकार के संज्ञान में भी है. लखराज से जुड़े मसले के निराकरण के लिए सरकारी कमेटी के अलावा सभी स्टेक हॉल्डर्स के साथ (पंडा समाज, चैंबर ऑफ कॉमर्स, मारवाड़ी समाज, केसरी समाज व लखराज से जुड़े सभी लोग) बैठक कर उनकी राय ली जायेगी.

देवघर : देवघर में लखराज व लगान मुक्त भूमि का मसला गंभीर है. इसके लिए एसी के नेतृत्व में गठित पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी को निर्देश दिया गया है कि सभी जटिलताओं का निराकरण करते हुए अविलंब प्रतिवेदन समर्पित करें. ये जानकारी डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने शुक्रवार को समाहरणालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. डीसी ने कहा कि लखराज भूमि का डिटेल्स प्रोपर पंजी 2 में रिकॉर्ड नहीं रहने की वजह से फर्जीवाड़ा होने की आशंका बनी रहती है. ऐसे में सभी कागजातों की जांच करते हुए लखराज भूमि को चिह्नित किया जायेगा और उसके बाद अंचल के प्रतिवेदन के आधार पर रेंट फिक्सेशन किया जायेगा, लेकिन इसमें समय लगेगा. ये चीजें रातोंरात हो जायें, यह संभव नहीं है.

लखराज से जुड़ा मुद्दा सरकार के भी संज्ञान में

डीसी ने कहा कि लखराज से जुड़ा मुद्दा सरकार के संज्ञान में भी है. लखराज से जुड़े मसले के निराकरण के लिए सरकारी कमेटी के अलावा सभी स्टेक हॉल्डर्स के साथ (पंडा समाज, चैंबर ऑफ कॉमर्स, मारवाड़ी समाज, केसरी समाज व लखराज से जुड़े सभी लोग) बैठक कर उनकी राय ली जायेगी.

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भट्ठर धर्मशाला न्यास बोर्ड की संपत्ति

डीसी ने भट्ठर धर्मशाला के मामले में जानकारी दी कि भट्ठर धर्मशाला से जुड़े दस्तावेज जिला प्रशासन को मिले हैं, जिसमें भट्ठर धर्मशाला को न्यास बोर्ड की संपत्ति बतायी गयी है. उन्होंने कहा कि भट्ठर धर्मशाला के मामले में किसी के पक्ष में डिग्री नहीं है. 1996 में कोर्ट ने न्यास बोर्ड को आदेश दिया था कि जिन पक्षकारों ने शिकायत की है, उनकी भी सुनें. सुनवाई के बाद 1999 में न्यास बोर्ड का फ्रेश ऑर्डर आया. इसके बाद न्यास बोर्ड ने देवघर सीओ को इसकी देखरेख का जिम्मा दिया. इस मामले में भी जिला प्रशासन जो भी कानूनसम्मत होगा, कार्रवाई करेगी.

बाबा मंदिर की आय और व्यय का आकलन कैग करेगी

डीसी ने कहा कि अब श्राइन बोर्ड के अधीन बाबा मंदिर संचालित है. ऐसे में यह आरटीआई के दायरे में भी आ गया है और अब आय-व्यय की निगरानी कैग करेगी. जहां तक महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर कहते हैं मंदिर की आय का सारा पैसा मंदिर प्रशासन को मिलता है, यह सही नहीं है. पूर्व में हुए एमओयू के अनुसार, शीघ्रदर्शनम की 40 प्रतिशत राशि पंडा धर्मरक्षिणी सभा को मिलती है. वहीं मंदिर की कुल आय की 36 प्रतिशत राशि धर्मरक्षिणी को जाती है. पिछले कुछ वर्षों में तकरीबन 24 करोड़ रुपये पंडा धर्मरक्षिणी सभा को बाबा मंदिर की ओर से दिये गये हैं. बाबा मंदिर की आय की इतनी बड़ी राशि एक जगह दी जा रही है, तो निश्चित रूप से अब कैग इसका आकलन करेगी.

कानून के दायरे में ही समस्या का हल संभव

डीसी ने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है. कानून के दायरे में ही किसी भी समस्या का समाधान संभव है. अनशनकारियों ने लोगों को भड़काने व प्रशासनिक कार्यों में बाधा पहुंचाने की कोशिश की. इससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर असर पड़ा है. इसलिए उस मामले में कानून अपना काम करेगा. प्रेसवार्ता के दौरान डीसी ने वीडियो क्लिप्स, तस्वीरें आदि मीडिया से साझा की, जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही थी.

अनशन तोड़ने की डीसी ने की थी अपील

डीसी ने कहा कि सरकार के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन द्वारा लखराज जमीन से जुड़े कानूनी पेंच व रेंट फिक्सेशन को लेकर कार्य किया जा रहा है, जिसका जल्द ही निराकरण कर लिया जायेगा. उन्होंने अनशन पर बैठे लोगों से आग्रह किया कि प्रशासन को समय दें और अपना अनशन तोड़ें. आपको बता दें कि 10 दिनों तक चला अनशन शुक्रवार शाम को समाप्त हो गया.

Prabhat Khabar Digital Desk
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