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दुष्कर्म के आरोपित को सात साल की सश्रम सजा
देवघर: दुष्कर्म के आरोपित मनोज राणा को दोषी पाकर सात वर्ष की सश्रम सजा सुनायी गयी. साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माना की राशि अदा न करने पर एक वर्ष की सश्रम सजा अलग से काटनी होगी. कोर्ट ने पीड़िता काे विक्टिम कंपनसेशन के तहत 50 हजार रुपये की राशि […]
देवघर: दुष्कर्म के आरोपित मनोज राणा को दोषी पाकर सात वर्ष की सश्रम सजा सुनायी गयी. साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माना की राशि अदा न करने पर एक वर्ष की सश्रम सजा अलग से काटनी होगी. कोर्ट ने पीड़िता काे विक्टिम कंपनसेशन के तहत 50 हजार रुपये की राशि पुनर्वासन के लिए देने का आदेश दिया. आरोपित मधुपुर थाना के कुरमीडीह गांव का रहनेवाला है. सेशन जज दो कृष्ण कुमार की अदालत ने इन्हें भादवि की धारा 376 में दोषी पाकर सात वर्ष की सश्रम सजा दी.
इसके अलावा भादवि की धारा 342 व 323 में भी दोषी पाया गया, लेकिन अलग से सजा नहीं दी गयी. सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से कुल नौ लोगों ने गवाही दी व दोष सिद्ध करने में सफल रहे. बहस के दौरान अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक ब्रह्मदेव पांडेय व बचाव पक्ष से वरीय एडवोकेट इशहाक अंसारी ने पक्ष रखे.
क्या था मामला : मधुपुर थाना क्षेत्र के कुरमीडीह गांव में यह घटना आठ फरवरी को घटी थी. एक महिला अपने बच्चे को खोजने के लिए दिन में गली की ओर निकली थी. दोपहर के समय आरोपित शराब के नशे में महिला को दबोचा व घर में बंद कर दिया तथा उन्हें हवस का शिकार बनाया. महिला द्वारा विरोध करने पर चाकू से जान मारने की धमकी दी. इस घटना के संबंध में पीड़िता ने महिला थाना देवघर में कांड संख्या 77/2015 दर्ज कराया जिसमें अनुसंधान के बाद आरोप पत्र दाखिल हुआ. पश्चात केस सेशन ट्रायल के लिए भेजा गया, जहां पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला दिया.
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