दुमका: झारखंड राज्य बनने के साथ ही दुमका में बिहार रिऑर्गेनाइजेशन बिल की धारा 25 (2) के तहत रांची उच्च न्यायालय की खंडपीठ की स्थापना की मांग उठती रही है. विधानसभा और लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों का मुद्दा भी बनता रहा है, लेकिन 13 साल गुजर जाने के बाद भी यह मांग अब तक पूरी नहीं हुई है. इससे संबंधित संचिका अभी भी अटकी हुई है.
संघर्ष समिति उठाती रही आवाज : जिला अधिवक्ता संघ ने इस मांग को लेकर अपने आंदोलन को तेज करने के लिए एक संघर्ष समिति बनायी थी. हालांकि इसके पहले अधिवक्ताओं के साथ-साथ सामाजिक-राजनीतिक संगठनों समय-समय पर आवाज उठाते रहे थे. राज्यपाल, मुख्यमंत्री ही नहीं राष्ट्रपति को भी भेजे गये ज्ञापनों में भी कई बार संताल परगना के मुख्यालय दुमका में हाईकोर्ट बेंच स्थापित करने का आग्रह किया गया है.
दुमका के विकास का खुलेगा नया रास्ता : अगर हाई कोर्ट की बेंच दुमका में स्थापित होती है, तो यह भावी तकदीर साबित होगी. दुमका बाजार की पूरी अर्थव्यवस्था को इसका लाभ मिलेगा और दुमका के विकास का नया रास्ता खुलेगा. हर दिन लाखों रूपये की आमद दुमका बाजार को विभिन्न रूपों में होगी. हाई कोर्ट के बैंच दुमका में बनने का लाभ केवल यहां के अधिवक्ताओं को ही नहीं होगा, बल्कि यहां के सभी वर्ग के लोग उससे सीधे तौर पर आर्थिक रूप से लाभान्वित होगें.
रजिस्ट्रार जनरल भी कर चुके हैं मुआयना : दुमका जिला में हाई कोर्ट की बेंच के लिए वन विभाग की जमीन चिन्हित की गयी है. इस जमीन के लिए मुआवजे के तौर पर लगभग 70 लाख रूपये का भुगतान वन विभाग को किया जा चुका है. लगभग चार साल पहले हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल व लॉ सेकरेट्री ने यहां पहुंचकर हाईकोर्ट बेंच के लिए प्रस्तावित जमीन के साथ-साथ तात्कालिक तौर पर सर्किट कोर्ट के लिए तब विभिन्न भवनों का मुआयना किया था. उन्होंने रिपोर्ट भी दी थी.