सेमिनार. एक्सपर्ट ने दूर की भ्रांतियां
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व्यवसायियों ने जानी जीएसटी की बारीकियां
सेमिनार. एक्सपर्ट ने दूर की भ्रांतियां देवघर : होटल रिलेक्स के सभागार में फेडरेशन अॉफ संताल परगना चेंबर अॉफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज और वाणिज्यकर विभाग की ओर से एक समान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में विषय प्रवेश फेडरेशन अॉफ संताल परगना चेंबर के संयोजक प्रदीप बाजला ने […]
देवघर : होटल रिलेक्स के सभागार में फेडरेशन अॉफ संताल परगना चेंबर अॉफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज और वाणिज्यकर विभाग की ओर से एक समान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में विषय प्रवेश फेडरेशन अॉफ संताल परगना चेंबर के संयोजक प्रदीप बाजला ने कराया. इस अवसर पर कॉरपोरेट एक्सपर्ट रितेश पांडेय व गालीब अंसारी ने कार्यशाला में आये तमाम व्यवसायियों व उद्यमियों को जीएसटी की बारीकियों की जानकारी दी. एक्सपर्ट और सेल्स टैक्स के अधिकारियों ने व्यवसायियों के सवालों का जवाब भी दिया.
एक्सपर्ट ने बताया कि जीएसटी में आठ तरह के नियमों को शामिल किया गया है. जिसमें रजिस्ट्रेशन, कंपोजिशन, रिफंड, रिटर्न, वैल्युएशन, ट्रांजिशन, इनवॉयस और इनपुट टैक्स क्रेडिट शामिल है. जीएसटी के बुनियादी बिन्दु की बात की जाये तो जीएसटी को 4 स्लैब 5, 12, 18, 28 के तहत बनाया गया है.
30 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन जरूरी: नये जीएसटी कानून के तहत एलान होने के 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा और कारोबार शुरू करने के पांच दिन पहले आवेदन करना होगा. अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए पैन जरूरी होगा. जीएसटी के वैल्युएशन नियमों के तहत सामान या सर्विस के मार्केट वैल्यू पर टैक्स लगेगा वहीं एक्सचेंज या डिस्काउंट में एमआरपी पर टैक्स लागू होगा.
मौजूदा स्टॉक पर इनपुट टैक्स क्रेडिट लागू होगा : नए जीएसटी नियमों के तहत मौजूदा स्टॉक पर इनपुट टैक्स क्रेडिट लागू होगा. पुराने स्टॉक पर पूरा टैक्स क्रेडिट नहीं लागू होगा. आवेदन के 60 दिन के भीतर जीएसटी का सिर्फ 40 फीसदी इनपुट टैक्स क्रेडिट होगा. कारोबारी को 60 दिन के भीतर स्टॉक डिटेल देना होगा. अगर पहले से टैक्स बकाया है तो इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं होगा.
तीन टैक्स वसूले जायेंगे: जीएसटी में वस्तुओं एवं सेवाओं पर केवल तीन टैक्स वसूले जायेंगे. पहला सीजीएसटी यानी सेंट्रल जीएसटी जो केंद्र सरकार वसूलेगी. दूसरा एसजीएसटी यानी स्टेट जीएसटी जो राज्य सरकार अपने यहां होने वाले कारोबार पर वसूलेगी. कोई कारोबार अगर दो राज्यों के बीच होगा तो उस पर आइजीएसटी यानी इंटीग्रेटेड जीएसटी वसूला जाएगा. इसे केंद्र सरकार वसूल करेगी और उसे दोनों राज्यों में समान अनुपात में बांट दिया जायेगा.
ये सवाल भी उठे : इतना ही नहीं जीएसटी के तहत कारोबारियों पर लागू होने वाले नियमों में सरकार को इन बातों पर भी सफाई देने की जरुरत है जैसे सेकेंड हैंड सामान का वैल्युएशन कैसे होगा, एक्सचेंज ऑफर में वैट कैसे लगेगा. वहीं 50 लाख तक के उत्पादक/ट्रेडर क्या टैक्स नियम से छूट पायेंगे, 30 जून तक के वैट पेड स्टॉक का क्या होगा? कंपनी का सामान बाहर भेजने पर मार्केट रेट पर जीएसटी क्यों लगेगा?
इंटरनेट कनेक्टिविटी पर व्यवसायियों ने जतायी चिंता: कार्यशाला में कई व्यवसायियों ने देवघर की खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी पर चिंता जतायी. देवघर चेंबर के महासचिव जीवन प्रकाश ने कहा कि सरकार ने जीएसटी लागू कर दिया है तो इसे मानना ही है. लेकिन ये काम पूरी तरह इंटरनेट पर निर्भर है और यहां की खराब कनेक्टिविटी के कारण व्यवसायियों को नुकसान होगा.इस अवसर पर देवघर अंचल के वाणिज्यकर उपायुक्त धीरजू हजाम, जेपी राम, वाणिज्यकर पदाधिकारी जयकरण प्रसाद, फेडरेशन अॉफ झारखंड चेंबर के संताल परगना उपाध्यक्ष प्रदीप बाजला, देवघर चेंबर के अध्यक्ष विनय माहेश्वरी, संप टैक्स प्रैक्टिसनर्स एसोसिएशन के सचिव विजय कौशिक आदि ने भी अपने विचार रखे. कार्यशाला में जीवन प्रकाश, तारकेश्वर सिंह, सुरेंद्र सिंघानिया, अशोक सर्राफ, प्रेम अग्रवाल, आशीष झा, पंकज मोदी, शशांक अग्रवाल, रमेश बाजला, शंकर लाल सिंघानिया, गौतम बाजला, जेपी चौधरी, केडी चौधरी, सेल्स टैक्स के धनंजय सिंंह, पंकज पेचरीवाल आदि मौजूद थे.
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