दस्तारबंदी. इश्क-ए रसूल कांफ्रेंस में प्रस्तुति
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लव कुशाई कोई सुने तो क्या कहेगा….
दस्तारबंदी. इश्क-ए रसूल कांफ्रेंस में प्रस्तुति मधुपुर : चांदमारी मोहल्ला में सोमवार की रात दारुल उलूम सिराजुल इसलाम मदरसा के तत्वावधान में दास्तारबंदी को लेकर इश्के रसूल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. कांफ्रेंस की शुरुआत तिलावत-ए-कलाम पाक से की गयी. मौके पर शायर-ए- हिंदुस्तान हबीबुल्ला फैजी द्वारा नातिया कलाम पेश किया गया. जैसे ही उन्होंने […]
मधुपुर : चांदमारी मोहल्ला में सोमवार की रात दारुल उलूम सिराजुल इसलाम मदरसा के तत्वावधान में दास्तारबंदी को लेकर इश्के रसूल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. कांफ्रेंस की शुरुआत तिलावत-ए-कलाम पाक से की गयी. मौके पर शायर-ए- हिंदुस्तान हबीबुल्ला फैजी द्वारा नातिया कलाम पेश किया गया. जैसे ही उन्होंने नबी के अजमत के लव कुशाई कोई सुने तो क्या कहेगा…, सफी ए मेहसर से बेवफाई कोई सुने तो क्या कहेगा… सुनाना शुरू किया खूब तालियां बजनी शुरू हो गयी. गिरिडीह से आये मुबारक ने सुनाया धीरे-धीरे बोल रहा है आका का दीवाना, मेरे लबों पे गूंज रहा है प्यारे नबी का नाम, हमारा जिंदा है इस्लाम.
.. आदि कलाम पेश कर समां बांध दिया. मौलाना मोहमत मिसबाही ने कहा कि नौजवानों को तालिम हासिल करनी चाहिए. साथ ही मुसलमानों को इसलाम के बताये रास्तों पर चलना चाहिए. नौजवानों से कहा कि दुनिया के साथ-साथ दीन-ए-तालिम हासिल करना चाहिए. मौके पर मो शहादत हुसैन फैजी, अलमल नुरी, कमरूद्वीन अहमद कमर ने जलसे के संचालन में सहयोग किया. इस अवसर पर दारूल उलुम सिराजुल इस्लाम मदरसे के छह हाफीज-ए-कुरान को पगडी पहना कर दस्तार बंदी किया गया. मौलाना मोबिन नुमानी व पूर्व मंत्री हजी हुसैन ने सम्मानित किया. दस्तार होने वाले हाफीज मो मिराज, मो शाहीद रजा, नाजीर हुसैन, अकिल अहमद, शाबाज रजा व नसीरुद्दीन शामिल है. जलसा को कामयाब बनाने में सगीर अहमद, सरफराज अहमद, इमरान, मुजाहिद रजा, मो मुसलिम अख्तर शिवानी, जमरूद्दीन, गुलाम कादरी, श्याम, मुफ्ती निसा अहमद मिसबाही आदि मौजूद थे.
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