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सूखने लगे हलक, पेयजल संकट बरकरार, पीएचइडी उदासीन

प्रखंड के 30 फीसदी चापानल हैं खराब मामूली मरम्मत के बाद हो सकता है उपयोगी, मगर विभाग उदासीन पालोजोरी : गरमी के दस्तक देते ही पालोजोरी के ग्रामीण क्षेत्रों में पीएचइडी द्वारा लगाये गये चापानल लोगों की प्यास बुझाने में नाकाम साबित हो रहे हैं. चापानल खराब रहने के कारण गांवों में गरमी से पूर्व […]

प्रखंड के 30 फीसदी चापानल हैं खराब

मामूली मरम्मत के बाद हो सकता है उपयोगी, मगर विभाग उदासीन
पालोजोरी : गरमी के दस्तक देते ही पालोजोरी के ग्रामीण क्षेत्रों में पीएचइडी द्वारा लगाये गये चापानल लोगों की प्यास बुझाने में नाकाम साबित हो रहे हैं. चापानल खराब रहने के कारण गांवों में गरमी से पूर्व ही लोगों के समक्ष पेयजल संकट खड़ा हो गया है.
विभागीय आंकड़ों के अनुसार, प्रखंड के विभिन्न गांवों में पीएचइडी व विधायक मद से 2283 चापानल लगाये गये हैं. जिनमें से 133 चापानल मामूली मरम्मत के अभाव में खराब पड़े हुए हैं जबकी 69 चापानल पूरी तरह से फेल है. विभागीय आंकड़ों से इतर वास्तविकता यह है कि प्रखंड के लगभग 600 से 650 चापानल इन दिनों खराब पड़े हुए हैं.
जैसे-जैसे गरमी का प्रकोप बढ़ रहा है पेयजल समस्या भी बढ़ती जा रही है. कुछ गांवों की स्थिति ऐसी है कि उनके यहां के चापानल खराब होने के कारण वे लोग पूरी तरह से कुआं पर आश्रित हो गये हैं और जहां कुआं सूख चुका है वहां लोग दूर-दराज से पानी का जुगाड़ कर रहे हैं.
ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत 16 योजनाएं बनकर भी चालू नहीं
कहते हैं जेई
जेई उमेश प्रसाद मंडल ने बताया कि 133 चापानल पाइप खराब रहने के कारण बंद है. जबकि 69 चापानल पूरी तरह से बंद हो गया है. जिसके स्थान पर नया चापानल लगाया जायेगा. योजना के कई मोटर, सोलर पैनेल आदि चोरी हो जाने से हेन्ड ओवर नहीं हो पाया है. जल्द ही इन्हें चालू कर दिया जायेगा.
कहते हैं जिप सदस्य
जिप सदस्य भाग संख्या 23 अनिता हांसदा ने बताया कि ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए विभाग द्वारा बनाए गए ग्रामीण जलापूर्ति योजना की स्थिति काफी बदहाल है. विभाग के अधिकारी इन्हें ग्रामीणों को सुपूर्द करने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. जिला परिषद की बैठक में इस मुद्दे को उठाया जाएगा.

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