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सरदार पंडा की ताजपोशी मामले की तीन मार्च को होगी सुनवाई, आदेश के तामिले में हो रही देरी, कोर्ट गये अजीतानंद
देवघर: न्यायालय के आदेश के बावजूद अब तक बाबा बैद्यनाथ मंदिर में मुख्य पूजारी यानी सरदार पंडा के रूप में अजीतानंद ओझा की ताजपाेशी नहीं हो पायी है. कोर्ट के आदेश का तामिला होने में हो रही देरी के खिलाफ अजीतानंद ओझा ने पुन: सिविल जज सीनियर डिविजन (सबजज)-एक अजय कुमार सिंह की अदालत में […]
देवघर: न्यायालय के आदेश के बावजूद अब तक बाबा बैद्यनाथ मंदिर में मुख्य पूजारी यानी सरदार पंडा के रूप में अजीतानंद ओझा की ताजपाेशी नहीं हो पायी है. कोर्ट के आदेश का तामिला होने में हो रही देरी के खिलाफ अजीतानंद ओझा ने पुन: सिविल जज सीनियर डिविजन (सबजज)-एक अजय कुमार सिंह की अदालत में मुकदमा किया है.
कोर्ट ने टाइटिल एक्सक्यूशन केस नंबर 7/2017 के तौर पर दर्ज कर लिया गया है. इस केस में श्री ओझा ने झारखंड सरकार द्वारा उपायुक्त देवघर व अन्य को विपक्षी बनाया गया है. दायर मामले में श्री ओझा ने न्यायालय के आदेश का अनुपालन कराने का आदेश देने की गुहार लगायी है. न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई के बाद सिविल सिरिस्तादार से रिपोर्ट तलब किया है. इस मामले की सुनवाई के लिए तीन मार्च की तिथि निर्धारित किया गया है.
विधान सभा में उठा था यह मामला : झारखंड विधान सभा में स्थानीय विधायक नारायण दास ने भी सरदार पंडा की ताजपोशी का मामला उठाया था. मामला रखने के बाद सरकार की ओर से साकारात्मक पहल की बात सामने आयी थी, लेकिन अब तक ताजपोशी नहीं हो पायी जिसके चलते एक्सक्यूशन दाखिल किया गया है. इसके अलावा विभिन्न संगठनों व जनप्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दे को रखा था व ताजपोशी शीघ्र कराने की मांग की थी.
नियम 11, आदेश 21 सीपीसी के तहत लाया गया है वाद
वादी आजीतानंद ओझा की ओर से उनके वरीय अधिवक्ता केशव चंद्र तिवारी व अमरनाथ ठाकुर हैं. टाइटिल एक्सक्यूशन केस सीपीसी के नियम 11, आदेश 21 के तहत दाखिल किया गया है. इसमें कहा गया है कि 7 दिसंबर 2016 व 21 दिसंबर 2016 के आदेश का अनुपालन अब तक नहीं किया गया है. इसलिए पुन: कोर्ट की शरण में आये हैं.
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