मधुपुर : शहर के नगर भवन में मंगलवार शाम को जनवादी लेखक संघ के तत्वावधान में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर एक शाम शहीदों के नाम मुशायरा सह काव्य गोष्ठी आयोजित की गयी.
कैशर जया ने कहा ‘हादसा ऐसा शहर में अक्सर हो जाता है, चोट से जिसके फूल भी पत्थर हो जाता है…., धुंधला हो जाता है शीशा दिलदारी का, दाग कोई जब दिल के अंदर हो जाता है…., वहीं अजीम मधुपुरी ने कहा कि शहीदों के लहु ने रंग अपना लाया है गुलिस्तां में, तराना एकता का सबने गाया है गुलिस्तां में….,रांची से आये सरवर साजीद ने कहा कि शायर वही अजीम है दुनिया में दोस्तों, सारे जहां का दर्द जो शेरो में ढाल दे… कार्यक्रम की अध्यक्षता शायर सलाम कैफी ने की. काव्य गोष्ठी में डा. उत्तम पीयूष, डा. आशीष सिन्हा, धनंजय प्रसाद, अबरार ताबिंदा, विनोद मिश्र, अरशद मधुपुरी, रजा मधुपुरी, यमुना रागी, अरूण निर्झर, खुर्शीद, राजेश राय आदि ने भी मुशायरा व कविता पेश की.