आराेपित को हत्या प्रयास की धारा 307 व गल्ला से पैसे लेने की धारा 379 में दोषी पाकर क्रमश: सात साल व एक साल की सजा सुनायी गयी. दोनों सजाएं साथ चलेंगी. इस मामले में ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष से सात लोगों की गवाही दिलाई गयी थी व दोष सिद्ध करने में कामयाब रहे. अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक ब्रह्मदेव पांडेय ने पक्ष रखा .
बचाव पक्ष से अधिवक्ता गोपाल शर्मा ने पक्ष रखा. यह फैसला सेशन जज दो कृष्ण कुमार की अदालत ने सुनाई. इस मुकदमा के सूचक सुशांत कुमार दे हैं.