देवघर: देवघर भूमि घोटाले में जमींदारी पट्टा, अमलनामा व कुरफा आदि दस्तावेज का गलत इस्तेमाल हुआ है. सीबीआइ को जांच में इसकी भनक लगी है. सूत्रों के अनुसार सीबीआइ को पता चला है कि जमींदारी प्रथा उन्मूलन होने के बाद कुछ जमींदारी पट्टा, कुरफा व मुहर की अज्ञात लोगों ने चोरी कर जमीन का कागजात बनाने में इसका इस्तेमाल किया है.
इस आधार पर सरकारी जमीन का भी फरजी पट्टा दिखाकर दस्तावेज तैयार किया गया है. सीबीआइ अब ऐसे कारनामों का अंजाम देने वाले व्यक्ति तक पहुंचने के फिराक में हैं.
सूत्रों के अनुसार इस खेल में एक ‘दास’ नामक व्यक्ति का पता भी सीबीआइ को चला है, जिन्होंने लक्ष्मीपुर इस्टेट की जमींदारी पट्टा व मुहर के जरिये कई जमीन का फरजी दस्तावेज तैयार किया है. सूत्रों की मानेंतो जरूरत के अनुसार सीबीआइ उक्त व्यक्ति को रिमांड पर भी लेकर पूछताछ कर सकती है. बताया जाता है कि उक्त व्यक्ति ने लक्ष्मीपुर इस्टेट का जमींदारी पट्टा व मुहर का इस्तेमाल कर शहर के बड़े भू-माफियों की मिलीभगत से जमीन का फरजी दस्तोवज तैयार किया. फरजीवाड़े के इस खेल में उस व्यक्ति ने 100 करोड़ से भी अधिक संपत्ति अर्जित की है. सीबीआइ जल्द इस व्यक्ति अपने शिकंजे में लेने के फिराक में है.
रजिस्ट्री ऑफिस से फिर मंगवाये दस्तावेज
दस्तावेजों की छानबीन में सीबीआइ लगातार अभिलेखागार व रजिस्ट्री ऑफिस से दस्तावेज मंगवा रही है. सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों सीबीआइ ने रजिस्ट्री ऑफिस से देवघर अंचल के विभिन्न मौजा से जुड़े कई डीड की कॉपी मंगवायी.