मधुपुर: आसनसोल-जसीडीह-किउल रेलखंड पर 1992 से 96 के बीच लगे सभी रेलवे पटरी व स्लीपर को बदलने का काम तेजी से चल रहा है. लगभग 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. दशकों पुराने जर्जर हो चुके पुलों में भी मरम्मत का काम चालू है. फिलहाल इस सेक्शन की अधिकतम स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटा है. जिसे अगले साल जून के बाद बढ़ा कर कभी भी 120 किलोमीटर प्रतिघंटा तक किया जा सकता है. अभी धनबाद-गया रूट में राजधानी व दुरंतो जैसी ट्रेन 120 की रफ्तार पर चलती है.
हालांकि इसकी सेक्शनल स्पीड 140 किलोमीटर है. जबकि आसनसोल-जसीडीह-किउल रूट पर राजधानी, जनशताब्दी, दुरंतो, पंजाब मेल व विभुति जैसे एक्सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार वर्षों से 110 किमी प्रतिघंटा तक ही सीमित है. रेलवे ट्रैक व पुलों पर चल रहे मरम्मत कार्य के कारण सतर्कता के साथ ट्रेन चल रही है. इसलिए ट्रेन की गति भी कम रखी गई है.
इन पुलों की हो रही मरम्मत
नवा पतरो हॉल्ट के पास पतरो नदी पर बने रेल पुल, शंकरपुर के पास अजय नदी में बने रेल पुल, मदनकटा व जोडामो के बीच बने रेल पुल का मरम्मत का कार्य प्रगति पर है. वहीं मथुरापुर व शंकरपुर के बीच निर्मित रेलवे पुल संख्या 634 व 640 का मरम्मत कार्य पुरा हो गया है. सीतारामपुर के पास छोटे-छोटे रेल पुल में काम प्रगति पर है.
वर्तमान में मधुपुर के लालगढ से जोडामो तक टीआरटी ऑटोमेटिक मशीन से रेल पटरी व स्लीपर बदलने का काम चल रहा है. अब सभी जगहो बिछाये जाने वाले प्रति रेल ट्रैक की लंबाई 260 मीटर है. जिससे ट्रेन परिचालन स्मुथ होता है. जबकि पूर्व में 39 मीटर व 13 मीटर का प्रति रेल ट्रेक की लंबाई थी.
जसीडीह से डाउन लाइन में नया पतरो तक का ट्रेक व स्लीपर बदल दिया गया है. मदनकटा से विद्यासागर अप व डाउन लाइन का भी ट्रैक बदला जा चुका है. विद्यासागर-सीतारामपुर के बीच भी रेलवे ट्रैक बदलने का काम पुरा हो चुका है. मथुरापुर से जसीडीह के बीच अप लाइन में कुछ जगह पुराने स्लीपर ही नयी पटरी बिछायी गई है. पुराने स्लीपर को बाद में बदला जायेगा.
कहते हैं पीआरओ
आसनसोल रेल मंडल के पीआरओ बी मुर्मू ने कहा कि मुख्य रेलखंड पर पुलों की मरम्मत व ट्रैक बदलने का काम चल रहा है. जिसे जून तक पूरा होने की संभावना है. इसके बाद इस रूट पर ट्रेनों की रफ्तार कभी भी 110 से बढ़ाकर 120 किलोमीटर तक की जा सकती है.