ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष से सात लोगों की गवाही दी गयी थी, लेकिन घटना का समर्थन नहीं किये. इस कारण आरोपितों को राहत मिल गयी. अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक ब्रह्मदेव पांडेय व बचाव पक्ष से वरीय एडवाेकेट अमर कुमार सिंह ने पक्ष रखा. घटना 17 फरवरी 2007 को घटी थी जिसमें जलसार रोड सरिता होटल के पास रहने वाले जग्गा बॉस उर्फ बबलू राउत की हत्या कर दी गयी थी. इतना ही नहीं हत्या कर शव को त्रिकुटी पहाड़ के पास बांझी जंगल में फेंक दिया था. शव से सिर गायब था. सिरकटे शव को पुलिस ने बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल लाया था जहां पर शव की पहचान जग्गा राउत के रुप में की गयी थी. मृतक की भाभी कंचन देवी के बयान पर नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई थी. जिसमें उपरोक्त सभी को आरोपित बनाया गया था.
पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर अनुसंधान आरंभ किया जिसमें नौ लोगों के नामों का खुलासा हुआ. पुलिस ने खून लगे कपड़े भी बरामद किया जिसे फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा था. जग्गा उर्फ बबलू राउत का सिर पुलिस अनुसंधान के दौरान खोज नहीं पायी. ट्रायल के दौरान डा अारएन प्रसाद, रवि राउत, रामशंकर सिंह, रमेश मिश्रा, श्याम चंद्र सिंह व अनिल कुमार शर्मा ने गवाही दी. इस मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुनाया गया, जिसमें सबों को राहत मिल गयी. मामला नौ वर्षों से तक न्यायिक प्रक्रियाओं से गुजरते रहा.