देवघर : वित्त विभाग के अनुमति के बगैर सरकारी कार्यालयों व विद्यालयों में खोले गये बैंक खातों को अविलंब बंद करने का निर्देश दिया गया है. सरकार के अपर मुख्य सचिव द्वारा पत्र जारी कर डीसी को आवश्यक निर्देश दिया है. विभागीय पत्र के अनुसार वित्त विभाग के संज्ञान में महालेखाकार द्वारा ऐसे कई मामले लाये गये हैं जिनमें एक ही कार्यालय में कई बैंक खातों का संचालन किया जा रहा है. यह स्पष्टत: वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है. इसमें सरकारी कोष की क्षति की संभावना होती है.
विभागीय पत्र के अनुसार किसी भी परिस्थिति में किसी भी सरकारी कार्यालय में बैंक खाता खोलने के पूर्व वित्त विभाग की अनुमति अवश्य प्राप्त कर ली जाये. सरकारी पदाधिकारी, कर्मचारी अपने निजी खातों में कोई सरकारी राशि जमा नहीं करेंगे.
अगर कोई मामला सामने आता है तो उनके विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाये. वैसी योजनाएं जिनमें लाभुकों को पीपीएमएस पोर्टल के माध्यम से डीबीटी करने के लिए बैंक खाता की आवश्यकता होगी. उनमें पीपीएमएस पोर्टल पर रजिस्टर्ड बैंक खातों में डीबीटी की राशि अन्तरित की जाये. इस खातों से यथाशीघ्र लाभुकों के बैंक खाता में राशि अन्तरित कर दिया जाये. वैसी योजनाएं जो डीबीटी के तहत नहीं आता है. लेकिन, पीपीएमएस पोर्टल के माध्यम से व्यय करने के लिए बैंक खाता की अनिवार्यता होगी. इसके लिए समेकित प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग की अनुमति प्राप्त करना होगा. प्रशासी विभाग अपने अधीनस्थ कार्यालय एवं सभी स्थापनाओं की समीक्षा कर वित्त विभाग के अनुमति के बगैर खोले गये खातों को बंद कराना सुनिश्चित करेंगे.