देवघर: स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव के विद्यासागर के द्वारा दिये आदेश को देवघर सिविल सजर्न नहीं मानते. ये खुलासा 17 जनवरी 13 को सिविल सजर्न के पत्र के माध्यम से हुआ है.
मामला यह है कि 1 जनवरी 13 को प्रधान सचिव ने सभी सिविल सजर्न को पत्र लिख कर कहा था कि एनआरएचएम अंतर्गत कार्यक्रमों के संचिका का निष्पादन सिविल सजर्न कार्यालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कार्यालय के लिपिक एवं अन्य कर्मचारियों के द्वारा किया जा रहा है. तथा सीधे सिविल सजर्न, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला आरसीएच पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अथवा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को लिखा जा रहा है.
तथा जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई/ प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधन इकाई की इसमें सहभागिता नहीं होती है, जो कि अत्यंत खेद का विषय है. जिससे जिला कार्यक्रम प्रबंधक/ लेखा प्रबंधक एवं प्रखंड कार्यक्रम व लेखा प्रबंधक के समीक्षा में जिले के भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की वस्तुस्थिति प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है. उन्होंने सख्त आदेश दिया था कि एनआरएचएम अंतर्गत संचिकाओं का निष्पादन जिला कार्यक्रम प्रबंधक इकाई तथा प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक इकाई द्वारा ही उनके कार्यक्षेत्र के अनुसार कराना सुनिश्चित करें.
अगर पुन: इसकी शिकायत पायी जाती है तो कठोर कार्रवाई की जायेगी. इसी आदेश को ठेंगा दिखाते हुए देवघर सिविल सजर्न ने 17 जनवरी 2013 को पत्र जारी करते हुए पत्र निर्गत की तिथि से किसी भी प्रकार के संचिका का संधारण एवं सभी तरह के अभिश्रवों का समायोजन अधोहस्ताक्षरी कार्यालय के प्रधान लिपिक के माध्यम से ही कराना सुनिश्चित कराये जाने का निर्देश दिया. मामले में सीएस का पक्ष जानने के लिए फोन पर संपर्क किया गया, मगर मोबाइल बंद था.