इन्हें पत्नी की हत्या का दोषी पाया गया. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार मामूली पारिवारिक विवाद में पत्नी की हत्या गला रेत कर कर दी गयी थी तथा शव को सारठ थाना के ललकी अहरी में डाल दिया था. हत्या अहरी के निकट की गयी थी जिस दौरान आराेपित नाजीर मांझी के कपड़ों पर रक्त के छींटे पड़ गये थे. शव की सूचना मिलने के बाद काफी संख्या में लोग आये और शव की पहचान मालती देवी नामक महिला के रुप में किये. मालती देवी नाजीर मांझी की पत्नी थी जो दाे बच्चों की मां थी.
यह घटना 3 दिसंबर 2009 को घटी थी. सारठ थाना के कचुआबांक गांव निवासी व चौकीदार इल्ताफ मियां के बयान पर 134/09 दर्ज हुआ था. इसमें नाजीर मांझी को आरोपित बनाया व जेल भेजा. पुलिस ने अनुसंधान कर आराेप पत्र भेजा. पश्चात मामले का ट्रायल आरंभ हुआ. अभियोजन पक्ष से 11 लोगों की गवाही हुई और दोष सिद्ध करने में सफल रहे. अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक बलवीर तथा बचाव पक्ष से सुखदेव महतो ने पक्ष रखे. आरोपित को भादवि की धारा 302 में दोषी पाकर उम्रकैद की सजा सुनायी गयी.