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सीबीएसइ स्कूलों में दिखायी जायेगी ‘गुड व बैड टच’ मूवी
हर हफ्ते बच्चों को कोमल फिल्म दिखाने का निर्देश 10 मिनट की मूवी सीबीएसइ वेबसाइट पर डाल दी गयी है देवघर : टीचर क्या करते हैं, स्कूल में किस तरह से टीचर, नॉन टीचिंग स्टाफ, खुद प्राचार्य या कोई छात्र व्यवहार करते हैं. अगर वो आपको कहीं टच करे, तो इसको कैसे समझें कि जो […]
हर हफ्ते बच्चों को कोमल फिल्म दिखाने का निर्देश
10 मिनट की मूवी सीबीएसइ वेबसाइट पर डाल दी गयी है
देवघर : टीचर क्या करते हैं, स्कूल में किस तरह से टीचर, नॉन टीचिंग स्टाफ, खुद प्राचार्य या कोई छात्र व्यवहार करते हैं. अगर वो आपको कहीं टच करे, तो इसको कैसे समझें कि जो आपको टच कर रहा है, वो गुड है या बैड. हर छात्र के मन में कभी टीचर को लेकर, तो कभी अपने सहपाठी के छूने को लेकर एतराज होता है, लेकिन डर या लज्जा से बोल नहीं पाते. कैसे स्कूली छात्रों के अंदर का डर खत्म हो, छूने की प्रक्रिया को छात्र कैसे समझ सके, इन तमाम प्रश्नों के उत्तर कोमल मूवी दे रही है. सीबीएसइ ने तमाम स्कूलों को गुड टच व बैड टच पर बनी मूवी को छात्रों को दिखाने का निर्देश दिया है. 10 मिनट की इस मूवी को सीबीएसइ की वेबसाइट पर डाल दिया गया है. वहां से हर स्कूल को डाउनलोड करना है. स्कूलों को एसेंबली के दौरान इस मूवी को दिखाना है.
बढ़ रही स्कूलों में अश्लील हरकतें
सीबीएसइ के अनुसार आये दिन अभिभावकों की शिकायत बोर्ड के पास पहुंच रहा है. अभिभावकों से मिली शिकायत की चर्चा करते हुए सीबीएसइ स्कूलों को कहा है कि अधिकांश स्कूलों में अश्लील हरकतें बढ़ गयी है. ये हरकतें कभी टीचर द्वारा तो कभी नॉन टीचिंग स्टाफ और कई बार को खुद प्राचार्य और सहपाठी द्वारा किया जाता है. कई बार तो छात्र और छात्राओं के साथ गलत हरकतें होती है, लेकिन उन्हें समझ में नहीं आता है. स्कूली छात्र और छात्राओं के इस तरफ जागरूक करने के लिए यह मूवी बनायी गयी है.
मूवी में दिखाई गयी है बच्चों की अपनी मजबूरी
इस मूवी में पांच से सात साल के बच्चों को कार्टून के रूप में दिखाया गया है. किस तरह से एक बच्चे के साथ टीचर, प्राचार्य, घर में रिश्तेदार, सहपाठी गलत तरीके से उन्हें छूते हैं.
इस छूने के कारण वो बच्चे अंदर ही अंदर परेशान है, लेकिन वो डर से किसी से बोल नहीं पाते हैं. बच्चों की मनोदशा को इसमूवी के माध्यम से बताया गया है. सीबीएसइ के अनुसार इस मूवी को हर बच्चे को देखना चाहिए, क्योंकि उन्हें इसका उपाय पता चलेगा.
यह मूवी हर स्कूलों को भेजी गयी है. मूवी में पांच से सात साल के छात्र और छात्राओं को कार्टून के माध्यम से मूवी में दिखाया गया है. यह मूवी को हर स्कूलों को भेज दी गयी है. एसेंबली के दौरान हफ्ते में एक बार सारे छात्रों को दिखाना है.
-राजीव रंजन, सिटी को-अॉर्डिनेटर, सीबीएसइ
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