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चहारदीवारी के बिना छात्राएं असुरक्षित
मधुपुर : करौं प्रखंड के पाथरोल स्थित राजकीयकृत उच्च विद्यालय में संसाधन व शिक्षकों का घोर अभाव है. विषयवार शिक्षक नहीं रहने के कारण विद्यालय में पठन-पाठन पूरी तरह प्रभावित हो रहा है. विद्यालय में प्रयोगशाला व पुस्तकालय भी नहीं है. इस विद्यालय को प्लस टू का दर्जा मिला है. लेकिन विद्यालय में 575 छात्रों […]
मधुपुर : करौं प्रखंड के पाथरोल स्थित राजकीयकृत उच्च विद्यालय में संसाधन व शिक्षकों का घोर अभाव है. विषयवार शिक्षक नहीं रहने के कारण विद्यालय में पठन-पाठन पूरी तरह प्रभावित हो रहा है. विद्यालय में प्रयोगशाला व पुस्तकालय भी नहीं है. इस विद्यालय को प्लस टू का दर्जा मिला है. लेकिन विद्यालय में 575 छात्रों को मात्र तीन ही शिक्षक पढ़ा रहे हैं.
सही मायने में इस स्कूल में पढ़ रहे सैकड़ों छात्र-छात्राएं को शिक्षा अधिकार अधिनियम कानून के तहत जो सुविधा मिलनी चाहिए वो इन बच्चों को नहीं मिल रही है. विद्यालय 9 एकड 24 डिसमिल भूखंड में अवस्थित है. इस विद्यालय की स्थापना 1965 में की गयी थी. करौं प्रखंड से सटे एक मात्र हाई स्कूल है. जहां विभिन्न गांव से के छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है.लेकिन इस विद्यालय में चाहरदिवारी नहीं होने के कारण स्कूल के बच्चे असुरक्षित महसूस करते है.
विद्यालय मधुपुर, सारठ मुख्य पथ के किनारे अवस्थित है. जहां लगातार वाहनों का आवागमन भी होता है. पथ पर कई दुर्घटना हो चुकी है. खास कर छात्राओं को भारी असुविधा का सामना करना पडता है. साथ ही विद्यालय में पेयजल की घोर किल्लत है. विद्यालय में दो चापानल है. जिसमें एक चापानल की हेड चोरी हो जाने से बेकार पडा हुआ है. विद्यालय में चपरासी नहीं रहने के कारण बच्चें स्वयं साफ-सफाई करते है. विद्यालय में आठ कमरा जर्जर है.
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