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अस्पताल पहुंचने के आधे घंटे बाद हो गयी सूरज की मौत

देवघर : शनिवार की शाम को सूरज को जसीडीह थाने की पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में कोर्ट में पेश कराया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में मंडल कारा भेजा गया. न्यायिक हिरासत के 10 घंटे के अंदर ही उसकी तबीयत बिगड़ी और गंभीर हालत में उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया, जहां […]

देवघर : शनिवार की शाम को सूरज को जसीडीह थाने की पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में कोर्ट में पेश कराया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में मंडल कारा भेजा गया. न्यायिक हिरासत के 10 घंटे के अंदर ही उसकी तबीयत बिगड़ी और गंभीर हालत में उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान आधे घंटे के अंदर ही उसकी मौत हो गयी.
मौत की जानकारी मिलने के बाद परिजन अस्पताल पहुंचे और सूरज के शरीर के विभिन्न हिस्सों व कपड़े में ब्लड का छींटा लगा देख भड़क गये. परिजनों समेत आक्रोशित लोगों का आरोप था कि सूरज की हालत पिटाई के बाद बिगड़ी. थाना से कोर्ट लाने तक वह भला-चंगा था. चचेरे भाई मुन्ना राउत ने कहा कि शनिवार दोपहर तीन बजे उसने सूरज को रोटी-भुजिया खिलाया. अचानक रातभर में उसे ऐसा क्या हुआ, जिससे मौत हाे गयी. मुन्ना का कहना था कि सूरज थोड़ा-बहुत नशा करता था, किंतु उसे कोई गंभीर बीमारी नहीं थी.
घटना से परिजन काफी आक्रोशित थे. सदर अस्पताल में देखते-देखते मृत बंदी के संबंधी समेत ग्रामीणों व नजदीकियों की काफी भीड़ जुट गयी. दंडाधिकारी आशुतोष कुमार, नगर थाना प्रभारी एसके महतो समेत जसीडीह थाना प्रभारी विनोद कुमार, एसआइ एमएस चौहान, एएसआइ एसके वाजपेयी, बीके मंडल व सशस्त्र पुलिस बलों की मौजूदगी में मृत बंदी के शव का पंचनामा कर रहे थे. इसी बीच लोगों का आक्रोश भड़का और शव रखे स्ट्रेचर को खींचते हुए टावर चौक के लिये चल दिये. दंडाधिकारी समेत पुलिसकर्मी उनलोगों को समझाते रहे, बावजूद वे लोग नहीं माने. मामले की सूचना पाकर एसडीपीओ दीपक पांडेय सदर अस्पताल आ रहे थे.
इस क्रम में मृत बंदी का शव ले जा रहे आक्रोशितों को उन्होंने भी राममंदिर मोड़ झौसागढ़ी के समीप रोक कर समझाने का प्रयास किया, किंतु वे लोग आगे बढ़ते रहे. रास्ते भर आक्रोशित लोग पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद का नारा लगाते हुए टावर चौक पहुंचे. वहां लगे यातायात बेरिकटिंग से मुख्य पथ जाम कर दिया. फिर आसपास की दुकानों को भी जबरन बंद कराया. पीछे-पीछे टावर चौक तक अधिकारी समेत पुलिस भी पहुंची. जाम की सूचना पाकर एसपी ए विजयालक्ष्मी सहित बीडीओ रजनीश कुमार, सीओ शैलेश कुमार सिन्हा, नगर इंस्पेक्टर ए उपाध्याय, प्रभारी जेलर मनोज गुप्ता, एएसआइ भोला प्रसाद, राजेश प्रसाद, आरके सिंह, काफी संख्या में पुलिस बलों व जैप जवानों के साथ पहुंचे. वे लोगों को समझाने का प्रयास करते रहे.
पहले लोग मानने को तैयार नहीं हुए तथा सूरज को गिरफ्तार करने वाले पुलिसकर्मी को बुलाने की मांग कर रहे थे. रह-रह कर जामस्थल पर स्थिति विस्फोटक हो जा रही थी. इस दौरान पुलिस की संयम व तत्परता से स्थिति संभल जा रहा था. करीब तीन घंटे बाद दोपहर दो बजे किसी तरह पुलिस-प्रशासन आक्रोशित लोगों को समझाने में सफल हुए. पारिवारिक लाभ के तहत 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देकर व विधवा पेंशन समेत अन्य लाभ के आश्वासन पर जाम को हटवाया.
धोखाधड़ी के केस में सूरज को भेजा गया था न्यायिक हिरासत में
जसीडीह थाना में सूरज के खिलाफ धोखाधड़ी की प्राथमिकी कांड संख्या 107/13 दिनांक 24.05.13 भादवि की धारा 417, 419, 420, 323, 406, 34 के तहत दर्ज थी. उक्त मामला जमीन-जायदाद से जुड़ा हुआ था, जो पूनम देवी ने दर्ज कराया था. इसी मामले में सूरज फरार चल रहा था. इसी मामले में जसीडीह थाना के एएसआइ पातेलाल मुर्मू ने गिरफ्तार कर थाना लाया. मेडिकल जांच के बाद शनिवार को उसे कोर्ट में पेश कराया गया और कोर्ट के निर्देश पर मंडल कारा न्यायिक हिरासत में पहुंचाया गया था.
कारा में बाथरुम के पास सूरज ने की थी खून की उल्टी
मामले में काराधीक्षक सत्येंद्र चौधरी अधिकारिक तौर पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. पूछे जाने पर उन्होंने कहा मामले के संबंध में कारा आइजी समेत मानवाधिकार आयोग, डीसी व एसडीओ को रिपोर्ट कर दी गयी है. प्रथम दृष्टया जांच में पुलिस को पता चला है कि न्यायिक हिरासत में आने के बाद रात को सूरज ने कारा में किसी को कुछ नहीं बताया था.
देर रात करीब 3:30 बजे उसे अचानक खांसी हुई. दौड़ कर बाथरुम गया जहां उसने खून की उल्टी की. अन्य बंदियों द्वारा मामले की सूचना कारा प्रशासन को दी गयी. कारा में प्राथमिक उपचार के बाद तुरंत सूरज को सदर अस्पताल भेजा गया. कारा प्रशासन द्वारा मामले की दंडाधिकारी से जांच कराने का भी आग्रह किया गया है.
मेडिकल बोर्ड ने किया पोस्टमार्टम
मृत बंदी के शव का पोस्टमार्टम सिविल सर्जन द्वारा सदर अस्पताल के प्रभारी डीएस डॉ सीके शाही की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय डॉक्टरों की मेडिकल बोर्ड द्वारा किया गया.
पोस्टमार्टम करने वाले बोर्ड में डॉ आरएन प्रसाद सहित डॉ बीपी सिंह व डॉ मनीष लाल बतौर सदस्य मौजूद थे. मृत बंदी का विसरा प्रीजर्व कर रखा गया है, जिसे फोरेंसिक जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जायेगा. उधर सूत्रों की मानें तो चर्चा रही कि मृत बंदी का दाहिना फेफड़ा डैमेज, स्फलीन-लीवर व हर्ट बढ़ा हुआ पाया गया है. हालांकि पोस्टमार्टम बोर्ड के डॉक्टरों ने अधिकारिक तौर पर कुछ भी जानकारी देने से इनकार किया है.

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