देवघर: प्रभात चर्चा में शुक्रवार को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान के सचिव उदय नारायण खवाड़े प्रभात खबर कार्यालय देवघर में उपस्थित हुए. उन्होंने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) के उद्देश्य व कार्यक्षेत्र के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि एनआइओएस राष्ट्रीय स्तर का बोर्ड है. वर्ष 1989 में नेशनल ओपेन स्कूल के नाम से एनआइओएस स्वतंत्र संस्था के रूप में अस्तित्व में आया. उस वक्त विद्यार्थियों की सहायता के लिए 10वीं एवं 12वीं के समकक्ष पढ़ाई कराने के साथ-साथ ओपेन बेस एजुकेशन (ओबीइ) के तहत कक्षा तीन, पांच व आठ तक की बुनियादी शिक्षा सहित व्यावसायिक शिक्षा उपलब्ध कराती थी. वर्ष 2002 में इसे राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) के नाम से लोग इसे जानने लगे. 10वीं एवं 12वीं की पढ़ाई के अलावा अब यह वोकेशन कोर्स, ट्रेनिंग व रिसर्च के क्षेत्र में भी काम कर रहा है. साथ ही किताबें भी प्रकाशित करती है. इसका मुख्यालय नोएडा में है. प्रशासनिक पदाधिकारी के रूप में सचिव के अलावा शैक्षिक विभाग, मूल्यांकन विभाग, परीक्षा विभाग आदि में निदेशक विभिन्न कार्यो को देखते हैं.
विषय चुनने की स्वतंत्रता
एनआइओएस में 25 लाख शिक्षार्थी निबंधित हैं. साथ ही 10वीं, 12वीं, वोकेशनल कोर्स व ट्रेनिंग कोर्स के लिए प्रत्येक वर्ष पांच लाख नये विद्यार्थी निबंधित हो रहे हैं. यहां विद्यार्थियों को विषय चुनने की स्वतंत्रता होती है. पांच वर्ष में परीक्षा पास करने के लिए नौ मौका दिये जाते हैं. नि:शक्त व लड़कियों को संस्थान आवश्यकतानुसार विशेष रियायत देती है. चंडीगढ़ के एक नि:शक्त के मामले में उनके घर पर ही संस्थान द्वारा परीक्षा का आयोजन किया गया था. यह एक उदाहरण है.
ऑन डिमांड होती है परीक्षा
एनआइओएस प्रत्येक वर्ष अप्रैल-मई व नवंबर-दिसंबर में परीक्षा का आयोजन करती है. इसके अलावा विद्यार्थियों की जरूरत को देखते हुए ऑन डिमांड परीक्षा का आयोजन करती है. पूरे 15 सेंटर में ऑन डिमांड परीक्षा का आयोजन किया जाता है. ऑन डिमांड परीक्षा में तकरीबन 50 हजार विद्यार्थी शामिल होते हैं.
जगह-जगह रीजनल व सब सेंटर
वर्तमान में पूरे भारतवर्ष में 25 सेंटर संचालित है. हाल के महीनों में रांची, रायपुर, चेन्नई, धर्मशाला, रोहतक, रोहिणी में सेंटर खोला गया है. इसके अलावा पटना क्षेत्रीय कार्यालय के अधीन दरभंगा व हैदराबाद क्षेत्रीय कार्यालय के अधीन विशाखापत्तनम में सब सेंटर संचालित है. पोर्टब्लेयर में एक सेल का संचालन हो रहा है. इसके अलावा भारत के अन्य हिस्सों में भी सेंटर खोलने की योजना है. इसके अलावा भारत के बाहर विभिन्न देशों में 40 एनआइओएस सेंटर का संचालन हो रहा है.
सेंटर व ट्रांसफर ऑफ क्रेडिट की सुविधा
विद्यार्थियों की जरूरत को देखते हुए सरकारी बोर्ड से संबद्धता प्राप्त स्कूलों में सेंटर खोला जाता है. ट्रांसफर ऑफ क्रेडिट की सुविधा वैसे छात्रों को दी जाती है जो किसी भी बोर्ड की 10वीं व 12वीं की परीक्षा में किसी एक या दो विषयों में फेल हो जाते हैं तो वो हमारे संस्थान से उस विषय में परीक्षा देकर उत्तीर्ण कर सकते हैं. संस्थान द्वारा अंक पत्र निर्गत करने के क्रम में सभी विषयों (पूर्व में उत्तीर्ण विषय) का अंक उल्लेख किया जाता है. इससे विद्यार्थियों को भविष्य में कोई असुविधा नहीं होती है.
डी-एलएड की अतिरिक्त जवाबदेही
एनसीइटी के तहत डिप्लोमा इन लर्निग एजुकेशन (ड-एलएड) कोर्स की पढ़ाई /प्रशिक्षण की जवाबदेही झारखंड सरकार द्वारा एनआइओएस को दिया गया है. संस्थान अपने दायित्वों का ठीक प्रकार से निर्वहन कर रहा है.
संस्थान का है अपना ऑडियो-वीडियो स्टूडियो
एनआइओएस मुक्त विद्यालयी का पोर्टल चलाता है. भारत वर्ष में विभिन्न जगहों पर कम्युनिटी रेडियो का संचालन किया जाता है. देवघर में भी कम्युनिटी रेडियो शुरू करने की योजना है. इसके अलावा नि:शक्तों के लिए कंप्यूटर पर लर्निग मेटेरियल उपलब्ध कराया जाता है.