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अशोक प्रसाद व जवाहर कुमार को सात साल की सजा

देवघर: देवघर के एडीजे-तीन, विजय कुमार की अदालत ने सेशन ट्रायल नंबर 426/13 में बुधवार को यौन शोषण मामले में फैसला सुनाया. इस मामले के दोषी करार दिये गये दो नामजद आरोपित जवाहर सिंह उर्फ जवाहर कुमार व अशोक प्रसाद को सात वर्ष की सश्रम सजा सुनायी गयी. साथ ही प्रत्येक को तीस-तीस हजार रुपये […]

देवघर: देवघर के एडीजे-तीन, विजय कुमार की अदालत ने सेशन ट्रायल नंबर 426/13 में बुधवार को यौन शोषण मामले में फैसला सुनाया. इस मामले के दोषी करार दिये गये दो नामजद आरोपित जवाहर सिंह उर्फ जवाहर कुमार व अशोक प्रसाद को सात वर्ष की सश्रम सजा सुनायी गयी. साथ ही प्रत्येक को तीस-तीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना की राशि भुगतान नहीं करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा होगी.
दुष्कर्म मामले में पाये गये दोषी : अदालत ने मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद गत 29 सितंबर को ही दोनों को दुष्कर्म की घटना में संलिप्तता पाते हुए दोषी करार दिया था. साथ ही सजा बिंदु पर सुनवाई के लिए 5 अक्तूबर की तिथि मुकर्रर की थी. पूर्व निर्धारित तिथि के अनुसार, सजा बिंदु पर पहले बचाव पक्ष की बहस सुनी गयी. बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने न्यायालय से अनुरोध किया फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन महिला के साथ जबरन किसी भी प्रकार का कार्य नहीं हुआ है, इसके लिए न्यूनतम सजा दी जाये.

अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने अनुरोध किया कि पीड़िता महिला है आरोपित द्वय अधिकारी होकर इस प्रकार का घृणित कार्य किये हैं. अतएव अधिकतम सजा व जुर्माना मिले. न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद सात साल की सश्रम व 30 हजार रुपये अर्थ दंड भी लगाया. बचाव पक्ष से वरीय एडवोकेट अमर कुमार सिंह, इशहाक अंसारी व राजीव कुमार सिंह थे जबकि अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक ब्रह्मदेव पांडेय थे. बचाव पक्ष से पांच लोगों ने गवाही दी थी जबकि सरकार की ओर से 13 लोगों की गवाही हुई.

क्या था मामला
देवघर के चर्चित यौन शोषण कांड के रूप में शुमार यह मामला 20 अप्रैल 2013 को उजागर हुआ था. इस संदर्भ में एक महिला ने नौकरी का झांसा देकर करीब 300 दिनों तक यौन शोषण करने का आरोप लगाया था. इस घटना के संबंध में नगर थाना में कांड संख्या 150/13 दर्ज कर तत्कालीन जिला सूचना एवं जन संपर्क पदाधिकारी सह एनडीसी देवघर जवाहर सिंह उर्फ जवाहर कुमार एवं तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी अशोक प्रसाद को आरोपित बनाया गया था. बहर हाल दोनों अधिकारी सेवा से निलंबित हैं और मंडल कारा में बंद हैं. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार नौकरी का झांसा देकर यौन शोषण करने का खुलासा महिला ने 2013 में किया. घटना 1 मार्च 2011 से दिसंबर 2011 तक का उल्लेख है. इसमें कोल्ड ड्रींक पिलाकर बेहोश करने तथा अश्लील तस्वीर उतार कर ब्लैकमेल करने की बात का भी आरोप था. लगभग 16 माह के बाद इस घटना का भंडाफाेड़ हुआ. केस दर्ज होने के बाद दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में प्रस्तुत किया और जेल भेजा.

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