यह रात्रि आठ बजे तक चला. इसमें कोलकाता के कलाकारों ने एक से बढ़ कर एक कार्यक्रम पेश कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. पूरा पंडाल श्रोताओं से भर गया. लोगों ने तालियां बजा कर कलाकारों का उत्साह बढ़ाया. इस संबंध में भुक्ति प्रधान श्रीकिशोर ने बताया कि देवघर के लिए गौरव की बात है कि आनंद मार्ग के संस्थापक प्रभात रंजन सरकार ने देवघर के राजा बगीचा स्थित अपने मधुमणिका में 14 सितंबर के दिन प्रभात संगीत बंधु है निये चलो आलो ओय झरणा की रचना की थी.
आज पूरे विश्व में प्रचलित है. इस रचना की याद में कार्यक्रम किया गया है. इसे सफल बनाने में आचार्य नवारुनानंद अवधूत, आचार्य ब्रज गोपालानंद, आचार्य मित्र प्रेमानंद अवधूत, श्रीकिशोर, विप्लव कुमार, अजय कुमार, बमबम देव, कुंदन कुमार, शैलेंद्र सिंह, विकास कुमार, अरुण कुमार आदि ने सराहनीय भूमिका निभायी.