देवघर: मंडल कारा को अन्यत्र शिफ्ट कराने की योजना पर अब भी संशय बरकरार है. तपोवन के समीप बनने वाले नये जेल की जमीन अब तक प्रशासन ने कारा को उपलब्ध नहीं करायी है.
इससे यह परियोजना खटाई में पड़ गयी है. वर्तमान में मंडल कारा में क्षमता से अधिक बंदी हैं. बावजूद जिला प्रशासन की तरफ से इस दिशा में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिख रही है.
कारा सूत्रों की मानें तो नये जेल के लिए तपोवन के समीप कुल 24 एकड़ भूमि चिह्न्ति है. कुल रकबा में दो एकड़ भूमि ही सरकारी है जबकि 22 एकड़ भूमि विभिन्न रैयतों की है. रैयतों की जमीन अधिग्रहण कराने के लिए कारा द्वारा करीब सवा दो करोड़ रुपया जिला प्रशासन को दिया गया है. पैसा ट्रांसफर किये एक साल बीत गया अब तक इस संबंध में प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं दिख रही है. इस संबंध में काराधीक्षक हामिद अख्तर ने कहा कि जेल आइजी समेत अन्य विभागीय अधिकारी कई बार उक्त भूमि का मुआयना कर चुके हैं. एक साल पहले ही रैयतों की भूमि के एवज में करीब सवा दो करोड़ रुपया ट्रांसफर किया गया है. बावजूद अब तक कोई प्रगति नहीं है.
मधुपुर उपकारा पर भी संशय
मधुपुर उपकारा के लिए अब फिर से रिव्यू होगा. जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक जिलास्तरीय कमेटी गठित की गयी है. कमेटी में डीसी, एसपी, डीजे, पीएचइडी व पीडब्ल्यूडी के प्रतिनिधि भी सदस्य हैं. समीक्षा के पश्चात अब कमेटी को ही निर्णय लेना है कि पानी के अभाव में किस परिस्थिति में कारा निर्माण होगा. साइट पर पानी ही नहीं है. नये उपकारा निर्माण आरंभ होने के वक्त पीएचइडी की तरफ से पानी के बारे में जानकारी नहीं दी गयी थी. अब 25 प्रतिशत उपकारा भवन निर्माण होने के बाद यह बात सामने आयी है. इसी परिप्रेक्ष्य में निर्णय लेने के लिए कमेटी गठित की गयी है.