देवघर: गोड्डा जिला निगरानी एवं अनुश्रवण समिति की बैठक का प्रस्ताव (मिनट्स) देख अध्यक्ष सह गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे नाराजगी जतायी. उन्होंंने कहा कि बैठक में सभी प्रस्ताव सही तरीके से लिखे गये हैं लेकिन एक प्रस्ताव जो तत्कालीन गोड्डा के कार्यकारी जिलाधिकारी के खिलाफ लिया गया था, उसे प्रस्ताव से गायब कर दिया गया है.
गोड्डा सांसद ने कहा है कि समीक्षा के दौरान समिति ने यह पाया था कि पिछली बैठक में लिए गये निर्णय की कार्रवाई में तत्कालीन कार्यकारी जिलाधिकारी ने भ्रष्ट लोगों को बचाने के लिए अनावश्यक विलंब किया. इस कारण भ्रष्ट अधिकारियों व संवेदक को लीपापोती करने का मौका मिल गया. बैठक में सांसद सह अध्यक्ष ने तत्कालीन जिलाधिकारी गोड्डा के उपर विभागीय कार्रवाई व निगरानी से उनके खिलाफ जांच की अनुशंसा का आदेश दिया. साथ ही आदेश दिया कि संबंधित विभाग को अनुशंसा संबंधी पत्र जारी किया जाये. सांसद ने कहा कि जिन कर्मियों व अधिकारियों ने इस बैठक के प्रस्ताव को तैयार किया, उन्होंने इस कार्रवाई संबंधी निर्णय को ही प्रस्ताव से गायब कर दिया.
प्रस्ताव तैयार करने वालों के खिलाफ जांच हो
गोड्डा सांसद ने कहा कि जिन अधिकारियों ने इस रिपोर्ट को बनाने में गड़बड़ी की है, उस पर विभागीय जांच व कार्रवाई करने की बात कही है. ज्ञात हो कि जिस बैठक की यह रिपोर्ट है, उस वक्त गोड्डा डीसी के प्रभार में दुमका डीसी राहुल सिन्हा थे.