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लाभ नहीं तो वेतन से होगी खर्च वसूली

देवघर: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम का देवघर जिले में एक वर्ष पूरा हो गया है. लेकिन, योजना को अब भी मूर्त रूप नहीं मिला है. वित्तीय वर्ष 12-13 में योजना का तय लक्ष्य के अनुपात में उपलब्धि 50 फीसदी भी हासिल नहीं हुआ है. इसका खुलासा जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम […]

देवघर: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम का देवघर जिले में एक वर्ष पूरा हो गया है. लेकिन, योजना को अब भी मूर्त रूप नहीं मिला है. वित्तीय वर्ष 12-13 में योजना का तय लक्ष्य के अनुपात में उपलब्धि 50 फीसदी भी हासिल नहीं हुआ है. इसका खुलासा जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के जिला नोडल पदाधिकारी देवघर के डॉ रवि रंजन ने किया है. नोडल पदाधिकारी ने जिले में योजना की वास्तविक स्थिति से भी विभाग को अवगत कराया है. नोडल पदाधिकारी के अनुसार : चिकित्सा पदाधिकारियों व कर्मचारियों के उदासीन रवैये की वजह से जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम का लाभ प्रसूति को नहीं मिल पा रहा है.

कार्यक्रम के तहत गर्भवती/प्रसूति को अस्पताल आने-जाने का भाड़ा सहित भोजन, दवाइयां, चेकअप आदि की सुविधा नि:शुल्क देने का प्रावधान है. बावजूद महिलाएं सरकारी अस्पताल नहीं पहुंच कर प्राइवेट नर्सिग होम जाती है. निश्चित रूप से यह गंभीर बात है. अमूमन सरकारी अस्पतालों में सुविधा नगण्य बता कर गर्भवती/प्रसूति को प्राइवेट नर्सिग होम जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. ऐसा करने वाले चिकित्सकों व कर्मियों से प्रसव पर होने वाले खर्चो का रिकवरी किया जायेगा.

एसबीए प्रशिक्षित एएनएम द्वारा उपकेंद्र में प्रसव नहीं कराये जाने की स्थिति में जवाबदेह एएनएम का वेतन बंद कर दिया जायेगा. आवंटित क्षेत्र में अगर किसी भी गर्भवती का प्रसव घर पर होता है, तो जवाबदेह एएनएम, सहिया साथी, सहिया पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. जिस किसी उपकेंद्र पर एएनएम नहीं रहती हैं और गर्भवती प्रसव कराने के लिए प्राइवेट नर्सिग होम जाती हैं तो प्रसव के दौरान सभी प्रकार के खर्चो का रिकवरी एएनएम के वेतन से वसूल किया जायेगा. साथ ही अगर बच्चे को लाडली योजना का फायदा नहीं मिलता है, तो नुकसान की भरपाई एएनएम के वेतन से किया जायेगा.

प्रसूति को छुट्टी के पहले मिलेगा प्रोत्साहन राशि
सरकारी अस्पतालों में डिलेवरी कराने वाली महिलाओं को छुट्टी के पूर्व ही प्रोत्साहन राशि, डिस्चार्ज स्लिप व जन्म प्रमाण पत्र दिये जायेंगे. संस्थागत प्रसव के लिए भी एएनएम, सहिया साथी व सहिया को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं.

सीएचसी स्तर पर बने कॉल सेंटर
नोडल ऑफिसर ने कहा कि ममता वाहन कॉल सेंटर देवघर में नेटवर्क की समस्या की वजह से कभी-कभी कॉल रिसीव नहीं होता है. इसलिए सभी प्रभारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) स्तर पर एक-एक कॉल सेंटर बनायें. 24 घंटे ममता वाहन की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ आवश्यक मोबाइल नंबर भी सभी जगह प्रदर्शित करें. जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम से संबंधित किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर पीड़ित मोबाइल संख्या 09973994998 पर शिकायत कर सकते हैं.

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