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बढ़ा जमीन का अवैध कारोबार
देवघर: कुंडा के समीप मोहनपुर अंचल के बरमोरिया मौजा में 44 एकड़ जमीन पर नया समाहरणालय भवन सह आवास निर्माण की कवायद शुरू होते ही आसपास के इलाके में जमीन का अवैध कारोबार तेज हो गया है. गौरा से लेकर बरमोरिया व चरकी पहाड़ी मौजा तक इस इलाके में धड़ल्ले से जमीन का अवैध कारोबार […]
देवघर: कुंडा के समीप मोहनपुर अंचल के बरमोरिया मौजा में 44 एकड़ जमीन पर नया समाहरणालय भवन सह आवास निर्माण की कवायद शुरू होते ही आसपास के इलाके में जमीन का अवैध कारोबार तेज हो गया है. गौरा से लेकर बरमोरिया व चरकी पहाड़ी मौजा तक इस इलाके में धड़ल्ले से जमीन का अवैध कारोबार चल रहा है.
इसमें नन-सेलेबुल, पट्टा, परती कदीम, खास व बंदोबस्ती जमीन तक बेची जा रही है. इसमें सरकार को कोई टैक्स नहीं जा रहा है, बल्कि दान पत्र के जरिये जमीन को औने-पौने दर बेचा जा रहा है. आनन-फानन में जमीन की घेराबंदी भी चल रही है. सर्वाधिक पट्टा व नन सेलेबुल जमीन की घेराबंदी चल रही है. इन दिनों धड़ल्ले से जमीन की खरीद-बिक्री होने से प्रस्तावित नया समाहरणालय के जाने का रास्ते तक घेराबंदी हो रही है. कई लोगों ने तो प्रस्तावित जमीन पर भी नींव खुदाई कर डाली है. जमीन का अधिक कारोबार गौरा, ब्रह्मपुरा, भौरा जमुआ, बरमोरिया, चरकी पहाड़ी व दोनिहारी क्षेत्र में हो रहा है.
सीबीआइ की चार्जशीटेट जमीन की घेराबंदी
गौरा मौजा में सीबीआइ की चार्जशीट में शामिल जमीन को भी घेराबंदी की जा रही है. गौरा मौजा में करीब 110 एकड़ जमीन की एनओसी 2007 में तत्कालीन सीओ वीरेंद्र कुमार राय ने महेश्वरी देवी के नाम से दिया था व उसी आधार पर जमीन की रजिस्ट्री विभिन्न लोगों के नाम से की गयी थी. सीबीआइ ने कोर्ट में प्रस्तुत अपनी चार्जशीट में भी इसका उल्लेख किया है. अब उस जमीन को भी इन दिनों नन सेलेबुल कहकर लोगों को ठगा जा रहा है. साथ ही घेराबंदी हो रही है. इसी तर्ज पर विराजपुर में भी सीबीआइ की चार्जशीट वाली जमीन पर काम चल रहा है.
सीओ ने सीआइ को दिया जांच का आदेश
गौरा व विराजपुर मौजा में सीबीआइ की चार्जशीट वाली जमीन पर निर्माण कार्य समेत नया समाहरणालय के पास पट्टा व नन-सेलेबुन जमीन के अवैध कारोबार की सूचना मिलते ही सीओ शैलेश कुमार ने सीआइ गौरीशंकर रजक को जांच का मौखिक निर्देश दिया है. सीओ ने कहा कि उक्त इलाके में भ्रमण कर सीबीआइ की चार्जशीट वाली जमीन व पट्टा जमीन की भौतिक रिपोर्ट उपलब्ध करायें.
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