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599 नवनियुक्त शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की होगी जांच

देवघर : शिक्षक नियुक्ति में अनियमितता व फर्जीवाड़ा मामले में देवघर में इंटर व स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक पद पर बहाल हुए नवनियुक्त शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच होगी. उपायुक्त देवघर ने उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है. जांच टीम जिले के विभिन्न स्कूलों में पदस्थापित 599 शिक्षकों के शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक […]

देवघर : शिक्षक नियुक्ति में अनियमितता व फर्जीवाड़ा मामले में देवघर में इंटर व स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक पद पर बहाल हुए नवनियुक्त शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच होगी. उपायुक्त देवघर ने उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है.

जांच टीम जिले के विभिन्न स्कूलों में पदस्थापित 599 शिक्षकों के शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक व अन्य योग्यता संबंधी प्रमाण पत्र जारी करने वाली संस्थान/प्राधिकार के साथ समन्वय स्थापित करते हुए जांच से संबंधित पूरी कार्रवाई छह सप्ताह के अंदर यानि 07.07.2016 तक पूर्ण करेंगे. साथ ही विस्तृत जांच रिपोर्ट साक्ष्य के साथ उपायुक्त देवघर को सौंपेंगे. रिपोर्ट के आधार पर अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी. शिक्षक नियुक्ति के लिए देवघर में काउंसेलिंग का आयोजन नौ चरण में किया गया था. सभी नवचयनित शिक्षकों का पदस्थापन मार्च 2016 में कर दिया गया था. नवनियुक्त शिक्षकों के शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक संबंधी प्रमाण पत्रों का सत्यापन का कार्य नहीं होने के कारण अबतक किसी को वेतनादि का भुगतान नहीं किया जा रहा है. न ही नवनियुक्त शिक्षकों का सेवा विनियमन हुआ है.

उच्चस्तरीय जांच टीम के अध्यक्ष होंगे डीडीसी
शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच के लिए गठित उच्चस्तरीय जांच टीम के अध्यक्ष उपविकास आयुक्त होंगे. सदस्य सचिव के रूप में जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर, सदस्य के रूप में निदेशक राष्ट्रीय नियोजन कार्यक्रम देवघर, स्थापना उप समाहर्ता देवघर, सिविल सर्जन देवघर एवं जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी देवघर शामिल होंगे.
प्राथमिकी दर्ज करने के लिए जांच दल हैं प्राधिकृत
शिक्षक चयन में गड़बड़ी व अनियमितता के संबंध में शिकायत उपायुक्त के जनता दरबार में प्राप्त हो रही है. इस संबंध में शिकायतकर्ताओं द्वारा सूचित की गयी जांच योग्य/फर्जी प्रमाण पत्र जमा करने वाले शिक्षकों पर जांच प्रक्रिया में विशेष ध्यान दिया जायेगा. अनियमितता से संबंधित जांच सभी साक्ष्य/तथ्य एकत्रित कर जांच प्रतिवेदन के साथ संलग्न करते हुए फर्जी एवं अमान्य प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षक के रूप में नियुक्त होने वाले अभ्यर्थी एवं जानबुझकर अनेदखी करते हुए फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर काउंसेलिंग के दौरान अभ्यर्थियों को सफल घोषित करने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को समान रूप से दोषी मानते हुए उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई के लिए प्राथमिकी दर्ज करने के लिए प्राधिकृत किये गये हैं.

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