जांच रिपोर्ट के अनुसार शिक्षक नियुक्ति से संबंधित अभिलेखों का संधारण भी कार्यालय में ठीक ढंग से नहीं किया गया. रिक्तियों के विरूद्ध आवेदन देते समय आवेदक के डाटा बेस को प्रशिक्षित कंप्यूटर ऑपरेटर से अपलोड नहीं कराया गया. यह चिंतनीय विषय है. ऐसा प्रतीत होता है कि जिला शिक्षा अधीक्षक देवघर का अपने कार्यालय एवं कर्मियों पर नियंत्रण नहीं है.
नवनियुक्त प्रशिक्षित शिक्षकों का सभी शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक मूल प्रमाण पत्र किसी सक्षम पदाधिकारी की उपस्थिति में निर्गत संबंधित संस्थान से जांच कराया जाना समुचित प्रतीत होता है. जांच पदाधिकारी के रिपोर्ट में उपरोक्त तथ्यों का खुलासा होने से स्वत: स्पष्ट हो जाता है कि विभाग एवं विभागीय पदाधिकारी शिक्षक नियुक्ति को लेकर कितना सजग थे.